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प्रादेशिक

केरल में हार के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया गया : सुधीरन

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कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.एम. सुधीरन, केरल में कांग्रेस की हार, सार्थक आत्ममंथन

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कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.एम. सुधीरन, केरल में कांग्रेस की हार, सार्थक आत्ममंथन

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तिरुवनंतपुरम| कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष वी.एम. सुधीरन ने सोमवार को कहा कि यह ‘खबरें गलत हैं’ कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के लिए उन्हें ही हार का प्रमुख जिम्मेदार ठहराया गया है। सुधीरन ने पार्टी की केरल इकाई की दो दिवसीय बैठक के बारे में संवाददाताओं को बताया, “ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। बैठक में केवल सार्थक आत्ममंथन हुआ है। मैं हैरान हूं कि झूठी खबरें फैलाई गई हैं।” बैठक रविवार को समाप्त हुई थी। सुधीरन सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी के विश्वसनीय माने जाने वाले सुधीरन को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से ‘सम्मानपूर्वक विदाई’ देकर केंद्र में कोई ऊंचा पद दिया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, दो दिवसीय कार्यकारी बैठक में खासतौर पर ओमान चांडी गुट ने सुधीरन की जमकर खिंचाई की थी। बैठक में कुछ सदस्यों ने यह भी कहा था कि पार्टी के जीर्णोद्धार के लिए पूरे नेतृत्व को नए नेताओं के लिए जगह खाली कर देनी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी, पूर्व गृह राज्य मंत्री रमेश चेन्नीथला और वरिष्ठ नेता ए.के. एंटोनी की भी आलोचना की गई। मई 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएएफ) को करारी हार का सामना करा पड़ा था। यूडीएएफ को 140 सदस्यीय विधानसभा में महज 47 सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा था। कांग्रेस ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसे केवल 22 सीटें ही हासिल हुईं। पार्टी के दो मंत्रियों समेत कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा था।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा, तुर्क VS पठान की की लड़ाई में गई चार जिंदगियां

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संभल। यूपी के संभल में हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया है कि हिंसा सुनियोजित थी और इसके पीछे तुर्क और पठान समुदाय के बीच वर्चस्व की खूनी लड़ाई थी, जिसने चार जिंदगियों को निगल लिया, जिनमें सभी पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक थे। सूत्रों के मुताबिक, हिंसा के मुख्य कारणों में तुर्क बनाम पठान और देसी बनाम विदेशी के मुद्दे को हवा दी गई। इसके कारण दोनों समुदायों के समर्थकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

हिंसा की चिंगारी उस वक्त भड़क उठी जब तुर्क समुदाय के सांसद समर्थकों ने पठान समुदाय के विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थकों पर गोलियां चला दीं। इस गोलाबारी में पठान, सैफी और अंसारी समुदाय के लोग मारे गए। एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में ये खूनी खेल हुआ। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि पुलिस की गोली से कोई हताहत नहीं हुआ और मारे गए सभी नागरिक विधायक के समर्थक थे।

वर्चस्व की जंग ने बिछा दीं 4 लाशें

यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। दर्जन भर से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात ऐसे हो गए कि शहर में इंटरनेट के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश देना पड़ा। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस तैनात है। पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इस बीच संभल हिंसा मामले में दर्ज की गई पुलिस की FIR से सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

तुर्क और पठान की वर्चस्व की लड़ाई

तुर्क और पठान बिरादरी के नेताओं के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में भी संभल बवाल के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने भी दावा भी किया है कि दो बड़े नेताओं के भड़काने पर ही बवाल हुआ है। केस में दोनों को नामजद भी किया गया है। संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महबूब के परिवारों के बीच लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व की जंग है। वहीं FIR की कॉपी भी सामने आई है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

 

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