आध्यात्म
आसक्ति या वैराग्य सबका संबंध मन से ही है
वास्तव में सिद्ध महापुरुषों के पास यमराज स्वयं जाकर उनके चरणों में सिर रखकर प्रार्थना करता है कि आपका समय हो गया है। सूचनार्थ ही आया हूँ। यदि आप और रहना चाहें तो आप स्वतंत्र हैं। ऐसे संत ही शरीर को भी स्वेच्छा से हँसते हुए त्याग देते हैं। बस उनकी ही मन बुद्धि चेतनायुक्त रहती है। वे ही हरिस्मरण करते हुये शरीर त्याग करते हैं। मोटी अकल की बात यह है कि जब मृत्यु के पूर्व कमाई ही नहीं की तो बाद में कैसे मिलेगा।
यह अटल सिद्धान्त है कि आसक्ति या वैराग्य या अनुराग सब कुछ मन से ही सम्बन्ध रखता है। भगवान् सर्वान्तर्यामी है, वहाँ धांधली नहीं चल सकती। तथा भगवान् का सनातन नियम भी नहीं बदला करता। इन्द्रियों का कर्म तो भगवान् नोट ही नहीं करते। संसार साक्षी है कि अर्जुन ने लाखों खून किये किंतु श्रीकृष्ण ने डांटने का भी दंड नहीं दिया। क्योंकि अर्जुन का मन निरन्तर श्रीकृष्ण के ध्यान में था। यही तो गीतादेश है-
तस्मात्सर्वेषु कालेषु मामनुस्मर युध्य च।
(गीता 8-7)
इसी प्रकार महाभागवत हनुमान आदि ने भी लाखों ब्राह्मणों की हत्या की। लंका को जला दिया। किंतु उनको पुरस्कार मिला।
यथा-
प्रत्युपकार करौं का तोरा सन्मुख होइ न सकत मन मोरा।
सच तो यह है कि यदि यह विश् वास है कि हरिनाम में सब शक्तियाँ हैं, तो रूपध्यान करेगा ही।
राधे राधे राधे राधे राधे राधे
उत्तर प्रदेश
जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत
नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।
दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
हादसे में बड़ी बेटी का निधन
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.
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