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उत्तराखंड

मसूरीः पर्यटकों व होटल कर्मचारियों में मारपीट

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मसूरी, लाइब्रेरी स्प्रिंग रोड स्थित होटल नेचर लैप, पर्यटकों व होटल कर्मचारियों में मारपीट, आईडी मांगने पर विवाद

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मसूरी, लाइब्रेरी स्प्रिंग रोड स्थित होटल नेचर लैप, पर्यटकों व होटल कर्मचारियों में मारपीट, आईडी मांगने पर विवाद

Damaged car

मारपीट से पर्यटकों की कार क्षतिग्रस्‍त

मसूरी। मसूरी के लाइब्रेरी स्प्रिंग रोड स्थित होटल नेचर लैप में देर रात पर्यटकों व होटल कर्मचारियों में जमकर मारपीट हुई। जिसकी तहरीर कोतवाली में दी गई है। बताया गया कि होटल में रुकने के लिए आईडी मांगने पर विवाद हुआ जो मारपीट में बदल गया।

लाइब्रेरी स्प्रिंग रोड स्थित होटल नेचर लैप में मध्यरात्रि को पंजाब लुधियाना से चार पर्यटक एक पोलो कार सं. पीबी 10एफई 9500 में आये व कमरा किराये पर लिया। लेकिन उसके बाद होटल कर्मचारियों एवं पर्यटकों में विवाद हो गया जो इतना बढ़ गया कि मारपीट हो गई।

होटल के प्रबंधक मनीष सिंह बिष्ट ने पर्यटकों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। उनका कहना है कि होटल रमेश कुमार राजस्थान वालों ने लीज पर ले रखा है। होटल में मध्य रात्रि को चार पर्यटक आये और कमरा लेकर सो गये। होटल वालों ने उनसे आईडी मांगी व एडवांस पैसा जमा कराने को कहा जिस पर विवाद हो गया और मामला मारपीट में बदल गया।

होटल कर्मचारियों का आरोप है कि उन्होंने कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा जिसमें दो कर्मचारी घायल हो गये इनमें से सुमारी लाल नौटियाल पुत्र सूरजमणि एवं जीवानंद पुत्र विद्यादत्त राजकीय सेंटमेंरी चिकित्सालय में भर्ती है। वहीं आरोप लगाया कि पर्यटकों ने होटल के शीशे तोड़ दिए, फर्नीचर तोड़ा व सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिये जिस पर करीब डेढ़ लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

वहीं पर्यटकों सुरजीत सिंह पुत्र मल्कित सिंह, जलप्रीत सिह, पुत्र जरनैल सिंह, असलीफ सिंह पुत्र जरनैल सिंह एवं संदीप सिह पुत्र अरजीत सिंह निवासी लुधियाना का कहना है कि वे हेमकुंड साहिब से आये थे व थके होने तथा देर रात होने के कारण नींद आ गई व होटल वालों के कहने पर कहा कि वे आईडी व पैसा सुबह दे देंगे। जिस पर होटल वाले नहीं माने व विवाद हो गया।

जिसके बाद उन्होंने कमरा छोड़ने का मन बनाया व वहां से जाने लगे। इसी बात पर विवाद हो गया और करीब दर्जन भर कर्मचारी आये और मारने पीटने लगे तथा उनकी कार के शीशे तोड़ दिए व कार को काफी नुकसान पहुंचाया है। कोतवाली पहुंचने पर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया।

 

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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