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उत्तराखंड

लैपटाप चोर गैंग सरगना सहित पुलिस के हत्थे चढ़ा

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लैपटाप चोर गैंग सरगना, उत्‍तराखण्‍ड पुलिस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानंद दाते

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लैपटाप चोर गैंग सरगना, उत्‍तराखण्‍ड पुलिस, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानंद दाते

uttarakhand police

सुबह-सुबह करते थे चोरी

देहरादून। प्रेमनगर पुलिस ने हाॅस्टलों से छात्र-छात्राओं के लैपटॉप और मोबाइल चुराने वाले गैंग सरगना को उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया है। जबकि गैंग सरगना का बहनोई फरार है। इनके पास से चोरी के 10 लैपटॉप, मोबाइल और पांच हजार रुपये की नकदी बरामद हुई है। यह गैंग बिजनौर के किरतपुर का रहने वाला है। चोरी किए गए लैपटॉप पांच से छह हजार रुपये में बेचे जाते थे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि प्रेमनगर क्षेत्र के हॉस्टल से लैपटॉप चोरी की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर एसओ प्रेमनगर शंकर सिंह बिष्ट और एन्टी बरगली सेल के प्रभारी मनमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई थी। घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया गया।

डाटा फिल्टरेशन के जरिए अपराधियों के मोबाइल डाटा को जांचा गया तो पता चला कि घटना में किरतपुर (बिजनौर) का राधे गैंग शामिल है। पुलिस ने बुधवार को टी स्टेट के पास से जहीर अब्बास निवासी किरतपुर को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने जीजा अफसर के साथ चोरी की वारदात को अंजाम देता है।

चोरी के लैपटॉप और मोबाइल गांव के अवनीश कुमार उर्फ डंपी को बेचते हैं। पुलिस ने अवनीश को भी माल के साथ पकड़ लिया। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से 10 लैपटॉप, आठ के पार्टस, मोबाइल और पर्सों से निकाली गई पांच हजार रुपये की रकम मिली है।

जहीर, अवनीश और फरार अफसर पहले भी जेल जा चुके है। जहीर ने बताया कि वह तड़के तीन से पांच बजे के बीच हॉस्टलों में लैपटॉप चोरी करते थे। अक्सर हॉस्टलों में छात्रों के कमरे रात भर खुले रहते हैं। देर रात छात्र सामान बाहर रखकर ही सो जाते हैं। इसका फायदा उठाकर वे सामान उड़ा लेते थे।

एसएसपी ने लैपटॉप गैंग का खुलासा करने वाले एसओ शंकर सिंह बिष्ट, प्रभारी बरगली सेल मनमोहन नेगी, उप निरीक्षक कमाल हसन, अनूप नयाल, चमन कुमार, सुनील मलिक, उमेश गिरी, प्रतीक, दिनेश, मनोज को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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