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आध्यात्म

आसक्ति से कामना पैदा होती है

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kripalu ji maharaj

काम क्रोध मद लोभ कहं, मन मूरख! मत छोड़। 

रसिक शिरोमणि श्‍याम ढिग, दे इन को मुख मोड़।। 38।। 

भावार्थ- हे मूर्ख मन! तू काम क्रोधादि को छोड़ने की मत सोच। वरन् इनको श्‍यामसुन्‍दर सम्‍बन्‍धी बना दे।

व्‍याख्‍या- प्रायः लोग कहते हैं कि क्रोध छोड़ो, लोभ छोड़ो इत्‍यादि। किंतु यह नहीं बताते कि छोड़ें कैसे? जब हम मायाधीन हैं तो इन दोषों का छोड़ना साधारण जनों की तो क्‍या बड़े-बड़े योगीश्‍ वरों के वश की बात भी नहीं है। माया के जाने पर ही ये मायिक दोष जा सकते हैं। हाँ-प्रयत्‍न करने से कुछ दब सकते हैं। इनका परस्‍पर सम्‍बन्‍ध है। यथा-

संगात्‍सञ्जायते कामः कामात्‍ क्रोधोऽभिजायते।। (गीता 2-62) 

अर्थात् आसक्ति से कामना पैदा होती है। उसकी पूर्ति में लोभ एवं अपूर्ति में क्रोध पैदा होता है।

अतः यदि मन की आसक्ति श्रीकृष्‍ण में ही की जाय तो श्रीकृष्‍ण मिलना की कामना पैदा होने लगे एवं कामना पूर्ति पर लोभादि भी आने लगें। आप कहेंगे कि यह तो रोग बना ही रहा। किंतु ऐसी बात नहीं है यथा-

न मय्यावेशितधियां कामः कामाय कल्‍पते। 

भर्जिता क्‍ वथिता धाना प्रायो बीजाय नेष्‍यते।। 

(भाग. 10-22-26) 

अर्थात् श्रीकृष्‍ण सन्‍बन्‍धी कामादि परमानन्‍द प्रदान करते हैं। अतः जगत्‍सम्‍बन्‍धी काम, क्रोध लोभ निन्‍दनीय हैं। किंतु श्रीकृष्‍ण सम्‍बन्‍धी काम, क्रोध तो दिव्‍य बन जाते हैं। अतः परम वन्‍दनीय हैं।

यथा-

प्रेमैव गोपरामाणां काम इत्‍यगमत् प्रथाम् । 

इत्‍युद्धवादयोऽप्‍येते वांछंति भगवत्प्रियाः।।

 (गौतमीय तंत्र, भ. र.सिं.)
 राधे राधे राधे राधे राधे राधे

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

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