हेल्थ
प्लेटलेट्स की कमी से नहीं होती डेंगू पीड़ित की मौत
नई दिल्ली| अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, जब तक प्लेट्लेट्स की संख्या 10,000 से कम न हो तब तक और ब्लीडिंग न हो रही हो तो प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन की आवश्यक्ता नहीं होती। यह जानकारी हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ के.के. अग्रवाल ने दी। उन्होंने कहा कि डेंगू में मौत का कारण कैप्लरी लीकेज होता है, जिस वजह से इंट्राव्स्कुली कम्पार्टमेंट में रक्त की कमी हो जाती है और शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।
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डेंगू के पीड़ित इंट्रावस्कुलर कम्पार्टमेंट से एक्स्ट्रावस्कुलर कम्पार्टमेंट में पहली बार प्लाज्मा लीकेज होने के बाद शरीर के वजन के हिसाब से 20 एमएल प्रति किलोग्राम तरल आहार तब तक लेते रहना चाहिए, जब तक अपर और लोअर ब्लड प्रेशर में अंतर 40 एमएमएचजी नहीं हो जाता या मरीज को सामान्य तौर पर पेशाब नहीं आने लगता। अनावश्यक ट्रांसफ्यूजन मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है।
डेंगू की गंभीरता ऐसे परखें :
* नब्ज में 20 की बढ़ोतरी
* उच्च रक्तचाप में 20 एमएमएचजी की कमी
* पल्स प्रेशर 20 से कम होना
* हेमाटोक्रिट में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी
* प्लेट्लेट्स की संख्या 20,000 से कम होना
* रक्तबंध जांच में 20 से ज्यादा लाल निशान होना।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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