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प्रादेशिक

एलडीए अफसरों के घरों पर काम कर रहे हैं स्मारक सुरक्षाकर्मी

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एलडीए अफसरों, घरों पर काम कर रहे हैं स्मारक सुरक्षाकर्मी, माया सरकार, काशीराम इको ग्रीन गार्डन, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर उद्यान, रमाबाई रैली स्थल, काशीराम सांस्कृतिक स्थल

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एलडीए अफसरों, घरों पर काम कर रहे हैं स्मारक सुरक्षाकर्मी, माया सरकार, काशीराम इको ग्रीन गार्डन, बाबा साहब भीम राव अंबेडकर उद्यान, रमाबाई रैली स्थल, काशीराम सांस्कृतिक स्थल

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प्राधिकरण अधिकारी कर रहे सरकारी धन का दुरुपयोग

राकेश यादव

लखनऊ। काम सुरक्षा का कर रहे चाकरी। कोई अधिकारी के घरों पर कुत्ता टहला रहा है तो कोई घर में बर्तन मांजने के साथ कपड़े धो रहा है। हम बात कर रहे हैं एलडीए के अधिकारियों के मनमौजी रवैये की। एलडीए के अधिकारी माया सरकार में स्मारकों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए कर्मचारियों से घरों का काम करा रहे है। यह मामला विभागीय कर्मियों बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है। इसको लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि प्राधिकरण के अफसर सरकारी वेतन पाने वाले कर्मियों को निजी कार्यों में लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।

प्रदेश की पूर्व की बहुजन समाज पार्टी की मुखिया एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जेल रोड स्थित राजधानी की जिला जेल, आदर्श कारागार और नारी बंदी निकेतन महिला जेल को ध्वस्त करा दिया। ऐतिहासिक जेलों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद बसपा सुप्रीमों ने आदर्श कारागार और नारी बंदी निकेतन महिला जेल के खाली हुए स्थान पर बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक मान्यवर काशीराम के नाम पर विशाल स्मारक का निमार्ण करा दिया। इसके अलावा जिला जेल और जेल आवासीय परिसर हटाने के बाद खाली हुए स्थान पर काशीराम इको ग्रीन गार्डन का निमार्ण कराया गया। इसके अलावा गोमतीनगर में बाबा साहब भीम राव अंबेडकर उद्यान, रायबरेली रोड योजना पर रमाबाई रैली स्थल, कानपुर रोड पर काशीराम सांस्कृतिक स्थल का निर्माण कराया।

इन स्मारकों और उद्यानों की सुरक्षा के लिए एलडीए में स्मारक सुरक्षा समिति के तहत करीब 900 कर्मियों को नियुक्त किया गया। इन कर्मियों को स्मारक की सुरक्षा के साथ अन्य व्यवस्था के नियुक्ति दी गई। सूत्रों का कहना है कि स्मारकों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए अधिकांश कर्मचारी सुरक्षा के बजाए विकास प्राधिकरण अधिकारियों के निजी कार्यों में लगे हुए है। सुरक्षा के नियुक्ति किए गए इन कर्मियों से प्राधिकरण के अधिकारी घरों के काम करा रहे हैं। एलडीए कर्मचारी एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह ने स्मारक समिति के कर्मचारियों के प्राधिकरण अधिकारियों के यहां निजी कार्य करने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं किंतु प्राधिकरण के अफसर कर्मियों का शोषण करने में जुटे हुए हैं।

 

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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