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रियो ओलम्पिक (हॉकी) : भारत ने जीत के साथ खाता खोला

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भारतीय हॉकी टीम, रियो ओलम्पिक (हॉकी), रुपिंदर पाल सिंह, वी. आर. रघुनाथ, भारत, आयरलैंड

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भारतीय हॉकी टीम, रियो ओलम्पिक (हॉकी), रुपिंदर पाल सिंह, वी. आर. रघुनाथ, भारत, आयरलैंड

rio olympics 2016 hockey

रियो डी जेनेरियो| पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ रुपिंदर पाल सिंह के दो गोलों की बदौलत भारत ने शनिवार को जीत के साथ रियो ओलम्पिक में अपने अभियान का आगाज किया। भारत ने अपने पहले पूल मैच में आयरलैंड को 3-2 से हराया, जो निश्चित तौर पर भारतीय टीम के लिए ओलम्पिक में उत्साह बढ़ाने का काम करेगा।

ओलम्पिक हॉकी स्टेडियम में खेले गए पूल-बी के इस मैच में आठ बार के चैम्पियन भारत के लिए रुपिंदर के अलावा अनुभवी स्ट्राइकर वी. आर. रघुनाथ ने एक गोल दागा और भारतीय टीम को जीत का स्वाद चखाया। रघुनाथ ने भारत के लिए मैच का पहला गोल पहले क्वार्टर के अंत में किया। यह गोल 15वें मिनट में हुआ। इसके बाद रुपिंदर ने 27वें और 49वें मिनट में गोल करते हुए अपनी टीम की जीत तय की।

भारत के तीनों गोल पेनाल्टी कार्नर पर हुए। आयरलैंड ने भी अपना एकमात्र गोल पेनाल्टी कार्नर पर किया। यह गोल जान जर्मेन ने 45वें मिनट में किया। ऐसा लग रहा था कि भारत 3-1 से यह मैच जीत लेगा लेकिन कोनॉर हार्ट ने 56वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर गोल करते हुए स्कोर 2-3 कर दिया।

विश्व वरीयता क्रम में पांचवें पायदान पर मौजूद भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की और उप-कप्तान एस. वी. सुनील ने तेज खेल दिखाते हुए शुरू में ही आयरलैंड पर कई हमले किए। हालांकि सुनील को आयरलैंड के चपल गोलकीपर डेविड हार्टे ने कई बार विफल किया।

आयरलैंड किसी खास रणनीति के तहत नहीं उतरा था, जिसका फायदा भारतीय टीम ने उठाया और तेज पलटवार किए। सरदार सिंह, मनप्रीत सिंह और दानिश मुज्तबा से लैस भारतीय मिडफील्ड आयरलैंड पर भारी रही, परिणामस्वरूप भारतीय टीम को पहले ही क्वार्टर में चार पेनाल्टी कॉर्नर मिले।

लेकिन शुरुआती तीन पेनाल्टी कॉर्नर भारतीय टीम ने बेजा गंवा दिए। अंतत: रघुनाथ ने पहले क्वार्टर में टीम को पहली सफलता दिलाई। हालांकि आयरलैंड ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी वापसी की और मैच पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया।

भारतीय टीम इस दौरान एक जोरदार हमला करने में सफल रही और आकाशदीप सिंह के पास गोल करने का सुनहरा मौका था। आकाशदीप और गोलपोस्ट के बीच सिर्फ आयरिश गोलकीपर थे, लेकिन आकाशदीप हार्टे की बाधा पार नहीं कर सके। इस बीच आयरिश टीम ने भी भारतीय गोलकीपर और कप्तान पी. आर. श्रीजेश की परीक्षा ली, हालांकि श्रीजेश इस परीक्षा में सफल रहे।

भारतीय टीम जल्द ही पलटवार करने में सफल रही। चिंगनेसाना सिंह ने निकिन थिमैया को लंबा पास दिया, जिसे लेकर थिमैया तेजी आयरिश गोलपोस्ट की ओर बढ़े और सर्किल के भीतर खड़े आकाशदीप की ओर बढ़ा दिया, लेकिन आकाशदीप का क्रॉस शॉट गोलपोस्ट के दाहिनी ओर चला गया।

भारत को अब अपने दूसरे पूल मैच में जर्मनी से भिड़ना है। यह मैच 8 अगस्त को होगा। शनिवार को ही खेले गए पूल-बी के एक अन्य मुकाबले में अर्जेटीना और नीदरलैंड्स के बीच मैच 3-3 से ड्रॉ रहा।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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