मुख्य समाचार
साल के अंत तक दिखने लगेगा जेलों में परिवर्तन
नए आईजी जेल जीएल मीना का साक्षात्कार
राकेश यादव
लखनऊ। प्रदेश की जेलों में सुधार की जरूरत है। ओवरक्र्राउडिंग की समस्या से निजात पाने के लिए कई नई जेलों का संचालन शुरू किया जा रहा है। पेशी के दौरान कैदियों की फरारी पर अंकुश लगाने के लिए वीडियो कान्फ्र्रेसिंग की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। बंदियों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी और मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जैमर लगाए जा रहे है। नवंबर माह तक यह सारे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। तीन माह के बाद जेलों में परिवर्तन खुद ही दिखने लगेगा।
शासन व मुख्यालय से अटैच बंदीरक्षक होंगे जेलों पर वापस
यह बात कारागार विभाग के मुखिया प्रभारी महानिरीक्षक जीएल मीना ने विश्ववार्ता से खास बातचीत के दौरान कही। मीना ने कहा कि समस्याएं तो प्रत्येक स्थान पर होती है, किंतु इन्हें दूर करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इसी के तहत जेलों में वर्तमान समय में सबसे बड़ी समस्या ओवरक्राउडिंग की है। 600 बंदियों की क्षमता वाली जेलों में दो से ढाई हजार बंदी बंद है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नवनिर्मित महाराजगंज, नोएडा, बागपत जेल को चालू कर दिया गया है। इसके साथ ही अब सोनभद्र और कौशाम्बी जेल को जल्दी चालू कर दिया जाएगा। इन नई जेलों के लिए स्टाफ के तैनाती की प्रक्रिया चल रही है। माह डेढ़ माह में इन जेलों का संचालन शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही पेशी के दौरान आए दिन बंदियों की फरारी को रोकने के लिए प्रदेश की समस्त जेलों में वीडियो कान्फे्रसिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
मीना ने बताया कि इसके लिए अधिकांश जेलो में वीडियों कान्फ्रेसिंग रूम बनकर तैयार भी हो गया है। इस व्यवस्था को भी साल के अंत तक चालू कर दिया जाएगा। जेलों से हो रही आपराधिक घटनाओं पर निगरानी रखने के लिए प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी लगाए जा रहे है। इन कैमरों के माध्यम से बंदियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। एक सवाल के जबाव में उन्होंने बताया कि जो सीसीटीवी खराब हो चुके हैं उन्हें बदला जाएगा। इनके स्थान पर नए लगाए जाएंगे।
नवनियुक्त आईजी जेल ने बताया कि इस बात की लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि जेलों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। इन पर अंकुश लगाने के लिए मोबाइल फोन जैमर लगाए जा रहे है। मुजपफरनगर से इसकी शुरूआत हो भी गई है। जल्दी ही अन्य जेलों को भी जैमर से लैस कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पता चला है कि मुलाकात के दौरान आने वाले परिजनों से जेलकर्मी अनाप-शनाप वसूली करते है। मुलाकात पर्ची लगाने से लेकर बंदी के पास तक सामान पहुंचाने के लिए उगाही की जाती है। इसके लिए मुलाकात व्यवस्था का कम्प्यूटरीकरण कराया जा रहा है। इससे इस पर लगाम लगेगी। कैदियों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए जेलों में आरओ सिस्टम लगाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इसे भी साल के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जेलों पर सुरक्षाकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए जेलों के बजाए अन्य स्थानों मसलन कारागार मुख्यालय, शासन व पूर्व अधिकारियों के यहां संबंध बंदीरक्षकों की जेलों पर वापसी कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में जेल सुरक्षाकर्मी इधर-उधर लगे हुए हैं इससे सुरक्षा प्रभावित हो रहा है। मीना ने बताया कि सुधार की काफी जरूरत है। इस दिशा में काम भी किया जा रहा है। साल के अंत तक जेलों की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं में सुधार दिखने लगेगा।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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