Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

भक्ति अज्ञानी एवं ज्ञानी दोनों के लिये समान

Published

on

Loading

kripalu ji maharaj

kripalu ji maharaj

3.भक्ति सदाचारी तो करता ही है, किंतु दुराचारी को भी अधिकार है यथा-

अपि चेत्‍सुदुराचारो भजते मामनन्‍यभाक् ।

साधुरेव स मन्‍तव्‍यः सम्‍यग्‍वयवसितो हि सः।।

(गीता. 9-30)

  1. भक्ति अज्ञानी एवं ज्ञानी दोनों के लिये समान है। यथा-

ज्ञात्‍वाज्ञात्‍वाथ ये वै मां यावान् यश्‍ चास्मि याद ृशः।

भजन्‍ त्‍यनन्‍यभावेन ते मे भ‍क्‍ततमा मताः।।

(भाग. 11-11-33)

  1. आसक्‍त एवं विरक्‍त दोनों को भक्ति करनी है। यथा आसक्‍त-

बाध्‍यमानोऽपि मद्भक्‍तो विषयैरजितेन्द्रियः।

प्रायः प्रगलभ्‍या भक्‍ त्‍या विषयैर्नाभिभूयते।।

(भाग. 11-14-18)

विरक्‍त तो भक्ति करता ही है।

  1. मुमुक्षु एवं मुक्ति प्राइज़ परमहंस दोनों के लिये भक्ति है।

यथा मुमुक्षु-

मुमुक्षवो घोररूपान् हित्‍वा भूतपतीनथ।

नारायणकलाः शान्‍ता भजन्ति ह्यनसूयवः।।

(भाग. 1-2-26)

यथा- आत्‍मारामाश्र्च मुनयो निर्ग्रन्‍था अप्‍युरुक्रमे।

कुर्वन्‍ त्‍यहैतुकीं भक्तिमित्‍थम्‍भूतगुणो हरिः।।

(भाग. 1-7-10)

  1. साधक एवं सिद्ध दोनों के लिये भक्ति समान है। साधक यथा-

केचित्‍केवलया भक्‍ त्‍या वासुदेवपरायणाः।

अघं धुन्‍वन्ति कात्‍ स्‍ र्न्‍येन नीहारमिव भास्‍करः।।

(भाग. 6-1-15)

सिद्ध को तो भक्ति करनी ही है। क्‍योंकि-

साधक सिद्ध विमुक्‍त उदासी। कवि कोविद कृतज्ञ सन्‍यासी।।

तरइ न बिनु सेएँ मम स्‍वामी। राम नमामि नमामि नमामि।।

  1. सभी स्‍थानों में भक्ति यथा-

8.न देशनियमस्‍तस्मिन् न कालनियमस्‍तथा।   (पद्म पुराण)

8.9. सभी इंद्रियो से भक्ति यथा-

बिले बतोरुक्रमविक्रमान्‍ये न श्रृण्‍वतः  कर्णपुटे नरस्‍य।

जिह्वासती दार्दुरिकेव सूत न चोपगायत्‍युरुगायगाथाः।।

भारः परं पट्टकिरीटजुष्‍टमप्‍युत्‍तमांगं न नमेन्‍मुकुन्‍दम् ।

शावौ करौ नो कुरुतः सपर्यां हरेर्लसत्‍कांचनकंकणौ वा।।

वर्हायिते ते नयने नराणां लिंगानि विष्‍णोर्न निरीक्षतो ये।

पादौ नृणां तौ द्रुमजन्‍मभाजौ क्षेत्राणि नानुव्रजतो हरेर्यौ।। द्र ु

जीवञ्छवो भागवतांघ्रिरेणुं न जातु मर्त्‍योऽभिलभेत यस्‍तु।

श्रीविष्‍णुपद्यामनुजस्‍तुलस्‍याः श्र्वसञ्छवो यस्‍तु न वेद गंधम् ।।

तदश्‍मसारं हृदयं वतेदं यद् गृह्यमाणैर्हरिनामधेयैः।

न विक्रियेताथ यदा विकारो नेत्रे जलं गात्ररुहेषु हर्षः।।

(भाग. 2-3-20 से 24)

 

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियों का एक्सीडेंट, बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत

Published

on

Loading

नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रविवार सुबह करीब 5 बजे भीषण हादसा हो गया। इस हादसे में जगतगुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। इसके अलावा उनकी दो बेटियां गंभीर रूप से घायल हैं। घायल दोनों बेटियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के बाद जगतगुरु कृपालु परिषत की ओर से शोक संदेश भी जारी किया गया है। संदेश जारी करने के बाद भक्तों द्वारा इस घटना को लेकर दुख व्यक्त किया जा रहा है।

दिल्ली जाते समय हुआ हादसा बताया जा रहा है कि मथुरा से जगतगुरु कृपालु जी महाराज की तीनों बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी कार से दिल्ली एयरपोर्ट जाने के लिए निकलीं थीं। उनके साथ आश्रम से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे। दिल्ली एयरपोर्ट से उनको फ्लाइट पड़कर सिंगापुर जाना था। कार यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर कोतवाली क्षेत्र में पहुंची थी। इसी दौरान तेज रफ्तार की एक डीसीएम ने आगे चल रही दोनों कारों में टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद कार क्षतिग्रस्त हो गईं।

हादसे में बड़ी बेटी का निधन

हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 साल की डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हुआ है. हादसा दो छोटी बेटियों, डॉ. श्यामा त्रिपाठी व डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर बताई जाती जा रही है. सभी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. सिंगापुर जाने के लिए तीनों बहनें फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट के लिए जा रही थीं.

 

Continue Reading

Trending