Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : वाहन कंपनियों पर रहेगी निवेशकों की नजर

Published

on

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में वाहन कंपनियों और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के शेयरों पर टिकी रहेगी। आगामी सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी।

निवेशकों की निगाह सरकारी तेल विपणन कंपनियों पर भी रहेगी, क्योंकि ये कंपनियां तेल मूल्य की समीक्षा करेंगी। तेल कंपनियां हर महीने के बीच में और आखिर में गत दो सप्ताह में आयातित तेल की औसत कीमत के आधार पर तेल मूल्य की समीक्षा करती हैं। वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी, क्योंकि एक जनवरी से ये कंपनियां दिसंबर में हुई बिक्री के आंकड़े जारी करेंगी।

जनवरी के दूसरे सप्ताह से कंपनियों के तीसरी तिमाही के परिणाम आने शुरू हो जाएंगे। परिणाम जारी करने का दौर फरवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। निवेशक इन परिणामों के साथ मिलने वाली कंपनी की भावी रणनीति और आय की संभावना पर विशेष ध्यान रखेंगे, जो उन्हें भावी निवेश की दिशा अपनाने में मदद करेंगे।

निवेशकों की निगाह अगले हफ्ते कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है। रुपये के अवमूल्यन से हालांकि तेल मूल्य गिरावट का फायदा सीमित रह सकता है।

अगले सप्ताह विमानन कंपनी स्पाइसजेट से संबंधित घटनाक्रमों पर भी निगाह रहेगी। कंपनी की उड़ानें पिछले दिनों तेल कंपनियों द्वारा साख आधार पर तेल देने से इंकार करने के कारण अवरुद्ध हो गई थी। कंपनी नकदी संकट से जूझ रही है। कंपनी के पुराने प्रमोटर द्वारा कंपनी में पूंजी निवेश के लिए आगे आने संबंधी खबर के बाद कंपनी के शेयरों में तेजी दर्ज की जा रही है। एक जनवरी को दुनिया भर के कई शेयर बाजार बंद रहेंगे।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending