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बिजनेस

’18 फीसदी जीएसटी दर राजस्व तटस्थ होगी’

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18 फीसदी जीएसटी दर, राजस्व तटस्थ, सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स

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18 फीसदी जीएसटी दर, राजस्व तटस्थ, सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स

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कोलकाता| भारतीय उद्योग परिसंघ सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स ने मंगलवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर 18 फीसदी होनी चाहिए, क्योंकि यह राजस्व तटस्थ दर होगी। उन्होंने कहा, “18 फीसदी के आसपास अधिकतम दर ठीक रहेगी। जीएसटी का इरादा वस्तु एवं सेवाओं के लेनदेन से इकट्ठा होनेवाले कर में कमी या वृद्धि करने का नहीं है। इसलिए जीएसटी की दर 18 फीसदी एक अच्छी राजस्व तटस्थ दर होगी। और यह इतना उच्च भी नहीं है कि यह माल के खपत को नुकसान पहुंचाने लगे, या फिर मुद्रास्फीति बढ़ाए।”

फोर्ब्स ने यह भी कहा कि इससे कर संग्रह में बढो़तरी होगी, इसलिए दर को सही रखना जरूरी होगा। उन्होंने कहा, “जीएसटी में मामूली दर पर जितना ज्यादा समावेशन होगा, राजस्व में उतनी ही तेजी से वृद्धि होगी।” उन्होंने कहा कि अगर दरों को 18 फीसदी से अधिक रखा जाता है तो इसका असर खपत पर पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी में सकल घरेलू उत्पाद में 1.5 से दो फीसदी वृद्धि करने की क्षमता है। उन्होंने आगे कहा, “कहा जा रहा है कि 18 फीसदी दर में से 12 फीसदी केंद्र का हिस्सा होगा और छह फीसदी राज्यों का, लेकिन अभी इस पर काम जारी है और जीएसटी परिषद द्वारा इसपर निर्णय लिया जाएगा।”

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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