प्रादेशिक
जेल मंत्री जी यह हाल है आपकी जेलों का!
सहारनपुर में हत्या, मुजफ्फरनगर में आत्महत्या, आजमगढ़ से फरारी
राकेश यादव
लखनऊ। कटटन से गोद-गोद कर बंदी की हत्या, बंद बैरक में फांसी के फंदे में लटक कर बंदी ने जान दी, तीन खूंखार बंदी जेल की 22 फिट ऊंची मेनवाल फांदकर भाग गए। यूपी की जेलों को यह हाल तब है जब जेलमंत्री लगातार बंदियों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करने और अफसरों को जेलों की सुरक्षा को चाक चैबंद रखने के लिए आए दिन निर्देश देते नजर आते है। बीते तीन दिनों के अंदर तीन जेलों में हुई इन दुस्साहिक वारदातों ने जेल प्रशासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली की पोल खोल दी है। विभाग के आला अफसर हर बार की तरह इस बार भी छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर मामलो को निपटा दिया।
पहली दुस्साहिक वारदात सहारनपुर जिला जेल में हुई। पिछले दिनों प्रशासनिक आधार पर मुजफ्फरनगर जेल से स्थानांतरित कर धोखाधड़ी के आरोपी एक बंदी को सहारनपुर जेल स्थानांतरित किया गया। सूत्रों के मुताबिक मुजपफरनगर से सहारनपुर स्थानांतरित बंदी संतोष कुमार खूंखार किस्म का अपराधी है। इस स्थानांतरित बंदी पर मुजपफरनगर जेल में रहने के दौरान भी कई बंदियों पर जानलेवा हमले किए जाने का आरोप है। जेल के अंदर वर्चस्व को लेकर बंदियों के साथ मारपीट करने की इसकी आदत में शुमार है।
बताया गया है कि स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन की रात को इस विचाराधीन बंदी ने पहले चम्मत को पत्थर पर घिसकर कटटन चाकू को रूप दिया। इसके बाद तेज धार वाले इस कटटन से बैरक में अपने बगल में सोए हुई एक साथी बंदी की इसी कटटन से गोद-गोद कर हत्या कर दी। सुबह जेल खुलते ही जब जेल प्रशासन के अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो जेल में हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में घटना की सूचना विभाग के उच्चाधिकारियों को दी गई। दूसरी वारदात मुजपफरनगर जेल में हुई। इस जेल में धोखाधड़ी, चोरी समेत अन्य आरोपों में बंद विचाराधीन बंदी साजिद ने सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में बैरक के अंदर फांसी के फंदे पर लटक कर जान दे दी।
जेल में आत्महत्या की घटना तो नई बात नहीं है लेकिन सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में हुई इस घटना ने जेल सुरक्षा को कटघरे में खड़ा कर दिया। तीसरी घटना 18 अगस्त की रात आजमगढ़ जेल में हुई। इस जेल से सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर तीन खूंखार बंदी फरार हो गए। फरारी की घटना में चैंकाने वाली यह बात सामने आई हैं कि रात करीब दो से तीन बजे हुई के बीच हुई इस घटना की जेल प्रशासन के अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी। सुबह जानकारी होने पर विभाग में भूचाल आ गया। आनन-फानन में परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को जांच के लिए मौके पर भेजा गया। घटना की विस्तृत जांच अभी चल रही है। तीन दिन के अंदर हुई इन तीन बड़ी घटनाओं ने जेलों के सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी।
दोषियो को बख्शा नहीं जाएगा
सहारनपुर, मुजपफरनगर और आजमगढ़ जेल में हुई घटनाओं की पुष्टि करते हुए ने बताया कि घटनाएं दुखद है। परिक्षेत्र के डीआईजी जेल को जांच के लिए भेज दिया गया है। आजमगढ़ जेल में जेलर समेत पांच सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जीएल मीना
एडीजी पुलिस एवं प्रभारी आईजी जेल
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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