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यूपी में मोबाइल के जरिए वोटर लिस्ट में दर्ज हो सकेगा नाम
लखनऊ। अब मतदाताओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या कटवाने के लिए बार-बार बूथ लेवल अफसर या एसडीएम के यहां के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। वह खुद ही कंप्यूटर या मोबाइल फोन के जरिए हर तरह के पंजीकरण, संशोधन का निरीक्षण कर सकेगा।
केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन कार्यालय में मतदाता पंजीकरण अनुश्रवण प्रणाली (ईआरएलएस) के लिए एक नया मोबाइल एप लॉन्च किया गया है, जिसे सीईओउत्तरप्रदेशडॉट निक डॉट इन पर उपलब्ध लिंक द्वारा डाउनलोड किया जा सकेगा। देश में पहली बार यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश में लागू की गई है।
मंगलवार को यह जानकारी अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल गर्ग ने दी। उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसी तमाम शिकायतें आती थीं कि बूथ लेवल अफसर ने नाम जुड़वाने के लिए भरे गए फार्म संख्या छह, नाम हटवाने के लिए भरे गए फार्म संख्या सात और अन्य बदलावों के लिए भरे गए फार्म संख्या आठ पर समय से कार्रवाई नहीं की।
गर्ग ने बताया कि इस नए एप्लीकेशन के जरिए यह पता चल जाएगा कि पूरे प्रदेश में, जिला स्तर पर, विधान सभा क्षेत्रवार और बूथ स्तर पर कुल कितने आवेदन किस-किस काम के लिए आए और उनका निस्तारण हुआ कि नहीं। मतदाता सूची से अगर नाम हटाया गया है तो उसकी वजह भी पता चल जाएगी। यही नहीं इस एप्लीकेशन में बूथवार मतदाता सूची की पीडीएफ फाइल भी डाली गई है, जिसे डाउनलोड करके प्रिंट भी निकाला जा सकता है।
इस एप का विकास एन.आई.सी. की स्टेट इकाई द्वारा किया गया है और इसके प्रयोग से मतदाता पंजीकरण संबंधी समस्त गतिविधियों की जानकारी चाहे वह राज्य स्तर की हो, चाहे जिला स्तर, अथवा विधानसभा स्तर या फिर बूथ स्तर की, पा सकता है।
गर्ग ने बताया कि बूथ लेवल अफसर ने अगर कोई गड़बड़ी की है तो इसकी शिकायत संबंधित एसडीएम या डीएम अथवा मुख्य निर्वाचन अधिकारी से सीधे की जा सकती है। उन्होंने संकेत दिए कि जल्द ही ऐसी शिकायतें आनलाइन दर्ज करवाने की भी सुविधा मतदाताओं को उपलब्ध करवाने की तैयारी हो रही है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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