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खेल-कूद

कबड्डी विश्व कप के बाद लोग हमारे साथ जुड़ेंगे : आस्ट्रेलियाई कप्तान

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 आस्ट्रेलियाई कप्तानअहमदाबाद,  क्रिकेट और हॉकी जैसे खेलों में आस्ट्रेलिया को कोई सानी नहीं है। यह देश खेलों के लिए जाना जाता है। हर खेल के लिए यहां विश्व स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध है, लेकिन भारत का प्राचीन खेल कबड्डी इस देश के लिए नया है।

यहां के द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में जारी कबड्डी विश्व कप में आस्ट्रेलियाई टीम पहली बार हिस्सा ले रही है। मैदान से लेकर खेल के नियम तक उसके लिए सब कुछ नया है। टीम के खिलाड़ियों ने इस विश्व कप से पहले कबड्डी नहीं खेला था।

कबड्डी विश्व कप शुरू होने से लगभग एक महीने पहले आस्ट्रेलिया ने अपनी टीम तैयार की। उसकी टीम में आस्ट्रेलियन रूल्स फुटबाल खेलने वाले खिलाड़ी हैं। यह खेल रग्बी और अमेरिकन फुटबाल का मिश्रण है।

ऐसे में खेल को समझना बेशक काफी मुश्किल है, लेकिन टीम के कप्तान कैम्पबेल ब्राउन जो कि आस्ट्रेलियन रूल्स फुटबाल की लीग आस्ट्रेलियन फुटबाल लीग (एएफएल) में खेल चुके हैं, कहते हैं कि उनकी टीम धीरे-धीरे इस खेल को सीख रही है और साथ ही सुधार कर रही है।

कैम्पबेल ने आईएएनएस से साक्षात्कार में कहा, “यह शानदार खेल है, इसे खेलने में मजा आता है। हम अब इस खेल की आधाभूत चीजों को बहुत अच्छे से समझ चुके हैं। इस खेल में आपको डिफेंस के दौरान साथ हिलना होता है। ऐसी ही चीजें हैं जो आप समय के साथ सीखते हैं। हम अभी तक इस विश्व कप में प्रतिदिन बेहतर होते जा रहे हैं।”

टीम के विश्व कप से कुछ ही समय पहले तैयार होने पर कैम्पबेल कहते हैं, “हमारी टीम नई है। कबड्डी ऐसा खेल है जिसे हम लंबे समय से नहीं खेल रहे हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी महासंघ (आईकेएफ) ने जब विश्व कप में टीम के हिस्सा लेने के बारे में कहा तो कुछ लोगों ने हमसे संपर्क किया। उन्होंने हमारे पेशेवर खेल में हिस्सेदारी के बारे में सोचा। दोनों खेलों में कुछ समानताएं हैं। उन्होंने इसके बारे में सोचा। आपको दोनों खेलों में तेजी, फुर्ती, फुटवर्क, की जरूरत होती है। हमें टीम बनाने में काफी समय लगा। कोच, प्रशासनिक अधिकारियों ने जो काम किया वह काबिलेतारीफ है।”

कैम्पबेल से जब पूछा गया कि क्या इस विश्व कप के बाद आस्ट्रेलिया में कबड्डी को सकारात्मक समर्थन मिलेगा तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस पर पूरा भरोसा है?

उन्होंने कहा, “इसे अभी भा काफी तवज्जो मिल रही है। मीडिया और लोग इसका समर्थन कर रहे हैं। हमने जितना सोचा था उससे कई ज्यादा। टीवी, अखबार, रेडियो सभी इस नए खेल के बारे में बातें कर रहे हैं। कई लोग इसे देख रहे हैं। वहां इसे अच्छा समर्थन मिल रहा है। इसने कई लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। जब हम वापस लौटेंगे तो बहुत से लोग हमारे साथ जुड़ना चाहेंगे और राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करना चाहेंगे।”

कुछ माह पहले कैम्पबेल ने सोचा भी नहीं होगा कि वह कभी अपने देश की कबड्डी टीम की कप्तानी करेंगे। लेकिन एएफएल से संन्यास लेने वाला यह खिलाड़ी अब इस खेल को गंभीरता से लेने के मूड में है।

कैम्पबेल से जब इस खेल को जारी रखने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हां। ऐसी चर्चा है कि फरवरी में आस्ट्रेलिया, भारत और किसी और देश के बीच श्रृंखला हो सकती है। यह शुरूआती दौर है लेकिन निश्चित ही यह आगे जाएगा। टीम के कई खिलाड़ी इसे जारी रखने के बारे में बातें कर रहे हैं। हम लगातार इसका अभ्यास जारी रखेंगे।”

कैम्पबेल ने भारत में अपने अनुभव को शानदार बताया है। उन्होंने कहा, “हमारा यहां का अनुभव शानदार रहा। कबड्डी यहां का स्थानीय खेल है और लोग इसे यहां पसंद भी करते हैं। हमने भारतीय टीम से काफी कुछ सीखा। हम इंग्लैंड के खिलाफ अपने प्रदर्शन से काफी निराश थे लेकिन अर्जेंटीना के खिलाफ हमने वापसी की और इससे हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ा।”

आस्ट्रेलिया को अपने पहले मैच में भारत से हार मिली थी, जबकि दूसरे मैच में इंग्लैंड ने उसे हराया था। अर्जेंटीना के खिलाफ तीसरा मैच जीत आस्ट्रेलिया ने अपना खाता खोला था। लेकिन उसकी आगे की राह आसान नहीं है। उसे अपने अगले दो मैच दो मजबूत टीमों के खिलाफ खेलने हैं।

उसे शनिवार को कोरिया से भिड़ना है। वहीं, 17 अक्टूबर को उसका सामना बांग्लादेश से है।

इन दोनों टीमों के खिलाफ होने वाले मुकाबले पर कैम्पबेल ने कहा, “यह काफी मुश्किल मुकाबले हैं। हम अर्जेंटीना के खिलाफ रणनीति के साथ उतरे थे। हमने अर्जेंटीना के प्रदर्शन को देखा था। हमने उनके खिलाफ काफी तैयारी की जोकि शुरूआती दो मैचों में हम नहीं कर पाए थे। हम इसी तरह की तैयारी इन दोनों टीमों के खिलाफ करेंगे।”

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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