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एनजीटी की केंद्र व आप सरकार को फटकार, ग्रीनपीस ने भी आड़े हाथ लिया

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NGTनई दिल्ली। वायु प्रदूषण की लगातार खराब होती स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ ऐहतियाती कदम उठाने की घोषणा जरूर की है, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने केंद्र और दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई है। एनजीटी ने कहा कि वे एक दूसरे पर दोषारोपण करना बंद करें। वहीं ग्रीनपीस इंडिया ने भी इन कदमों को वायु प्रदूषण के राष्ट्रीय संकट से निपटने के लिये अपर्याप्त बताते हुए एक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्ययोजना को लागू करने की मांग को दोहराया है।

एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने कहा कि दिल्ली के लोगों के प्रति यह अन्याय है। हर चीज में प्रशासन अपने हाथ खड़े कर देता है। हमें कुछ करना है आप यह नहीं कह सकते कि वक्त इसे करेगा। दूसरी ओर ग्रीनपीस ने सरकार से एक दीर्घकालीन राष्ट्रीय नीति बनाने की बात कही है। ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर सुनील दहिया ने कहा, दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदम फौरी तौर पर तो राहत दे सकते हैं लेकिन इससे प्रदूषण की समस्या ज्यों की त्यों बनी रहेगी। पिछले 18 महीने से ग्रीनपीस के हजारों समर्थक सरकार से राष्ट्रीय कार्य योजना के साथ-साथ वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दूरदर्शी और मजबूत नीतियों को लागू करने की मांग करते रहे हैं लेकिन सरकार ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया। अब जबकि दिल्ली में प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है तब सरकार एहतियात के तौर पर कुछ कदम उठा रही है।

सुनील दहिया ने कहा, यदि सरकार ने सही रूप में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (नैशनल एर क्वाालिटी इंडेक्स) निर्धारित करके रखा होता, प्रदूषण के खतरनाक स्तर को छूते ही तत्काल एक स्वास्थ्य एडवाइजरी जारी कर स्कूलों और ऑफिसों को बंद किया जाता। अभी भी सरकार दिवाली के बाद दिल्ली में हुए प्रदूषण में बढ़ोतरी को ध्यान में रखकर कदम उठा रही है जबकि गंगा के मैदानी भूभाग में बढ़ रहे प्रदूषण के बारे में चर्चा ही नहीं हो रही है। बदरपुर थर्मल पावर प्रोजेक्ट को दस दिन के लिए बंद कर दिया जाना एक सराहनीय पहला कदम है, लेकिन देश के अन्य भागों में चल रहे पावर प्लांट, जो उत्सर्जक मानकों की अनदेखी करते रहे हैं, उन पावर प्लांटों के बारे में सरकार क्या नीति बना रही है?

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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