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प्रादेशिक

शीर्ष अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी विधायक से समर्पण करने को कहा

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supreme-court-rajballabh-yadavनई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्कूली छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी बिहार के विधायक राजबल्लभ यादव को दो सप्ताह के लिए आत्मसमर्पण करने को कहा, ताकि पीड़िता निचली अदालत में अपना बयान दर्ज करा सके। बिहार में नवादा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक राजबल्लभ यादव पर इस साल फरवरी में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का आरोप लगा था। उन्हें राजद से निलंबित किया जा चुका है लेकिन राज्य विधानसभा में उनकी हैसियत अभी भी राजद विधायक की है।

न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति एन. वी. रमना की पीठ ने यादव से आत्मसमर्पण करने को कहा। इससे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पीठ से कहा कि उनका मुवक्किल दो सप्ताह के लिए जेल जाने को तैयार है, ताकि पीड़िता अपना बयान दर्ज करा सके।

पीठ ने कहा कि आरोपी को नाबालिग पीड़िता व अभियोजन पक्ष के अन्य गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तिथि निर्धारित की है।

यादव को पटना उच्च न्यायालय से सितंबर में जमानत मिली थी, जिसे बिहार सरकार ने चुनौती दी है।

शीर्ष अदालत ने 18 अक्टूबर को इस मामले में पीड़िता की गवाही 24 अक्टूबर तक के लिए टाल दी थी, क्योंकि यादव ने अपनी जमानत रद्द किए जाने की याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा था।

यादव पर अपने बिहार शरीफ स्थित आवास पर लड़की से दुष्कर्म का आरोप है। मामला प्रकाश में आने के बाद यादव को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन वह विधानसभा में राजद के विधायक बने रहे।

बिहार शरीफ की एक अदालत ने फरवरी में यादव को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। वह तब से ही फरार थे। बाद में मार्च में उन्होंने आत्मसमर्पण किया।

यादव को उच्च न्यायालय से 30 सितंबर को जमानत मिल गई थी।

इस संबंध में अप्रैल में दर्ज एफआईआर में जिन पांच लोगों के नाम हैं, उनमें यादव का नाम भी शामिल है। यादव के अतिरिक्त इस मामले में सुलेखा देवी तथा अन्य के नाम भी शामिल हैं, जिन पर राजद विधायक को लड़कियां मुहैया कराने का आरोप है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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