प्रादेशिक
मप्र के बाजारों में कम आ रहे नए नोट
भोपाल| केंद्र सरकार द्वारा 500-1000 रुपये के नोट को अमान्य किए जाने के बाद 500-2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए, बैंक से ग्राहकों को मिलने भी लगे हैं। मगर बाजारों तक यह नोट कम ही तादाद में पहुंच रहे हैं। इससे आशंका यह बलवती होने लगी है कि कहीं नए नोटों को दबाकर रखने का खेल तो शुरू नहीं हो गया। केंद्र सरकार ने कालेधन, फर्जी नोट और आतंकवाद में कालेधन के इस्तेमाल को रोकने के लिए आठ नवंबर की रात को 500-1000 रुपये के नोट को अमान्य घोषित कर दिया था इसके बाद बैंक से एक दिन में चार हजार और फिर साढ़े चार हजार रुपये तक पुराने नोट बदलने की सुविधा दी गई। सरकार की इस कोशिश में भी कालेधन को सफेद में बदलने वालों ने सेंधमारी कर दी। इसके चलते सरकार को उंगली पर काली स्याही लगाने का फैसला और पुराने नोट बदलने की सीमा को घटाकर दो हजार रुपये करना पड़ा।
सरकार को लगातार अपने फैसलों में बदलाव करना पड़ रहा है। उसी क्रम में शनिवार को सिर्फ बुजुर्गो को ही नोट बदलने की सुविधा दी गई। शादी वाले परिवारों को ढाई लाख रुपये दिए जाने का ऐलान हुआ है तो किसानों और कारोबारियों को भी सुविधाएं दी जा रही हैं। बैंकों से ग्राहकों को 100 रुपये के अलावा नए 500 व 2000 रुपये के नोट दिए जा रहे हैं, मगर बाजार तक 500 व 2000 रुपये तक के नए नोट बहुत कम संख्या में पहुंच रहे हैं। भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र के कारोबारी आशीष शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि उन तक नोटबंदी के बाद 500 व 2000 रुपये का एक भी नया नोट नहीं आया है। जो भी ग्राहक उन तक आते हैं, वे 100 के नोट देना ज्यादा उचित समझ रहे हैं। हां, जो 100 के नोट मिल रहे हैं, उनमें ज्यादातर नए ही होते हैं। ऐसा लगता है कि 500-2000 रुपये के नए नोट लोग जमा करने में लग गए हैं।
शिवाजी नगर के व्यापारी राकेश दुबे का कहना है कि उनके यहां नोटबंदी से पहले 500-1000 रुपये के नोट काफी आते थे, मगर नोटबंदी के बाद 500 व 2000 रुपये के नोट गिनती के ही आए हैं। 2000 के नोट तो 500 के नोट से ज्यादा आ चुके हैं, हो सकता है कि 500 के नोट बाद में मिलना शुरू हुए हैं, इसलिए कम आए हों। 100 के नोट भरपूर मात्रा में आ रहे हैं।गीतांजलि चौराहे के करीब मोटर साइकिल मैकेनिक का काम करने वाले गोकुल खेड़कर की दुकान पर तो अब तक एक भी ग्राहक नया नोट लेकर नहीं आया है। वे कहते है कि नोटबंदी के पहले तो उनके यहां मोटर साइकिल की मरम्मत कराने आने वाले 500-1000 रुपये का नोट दे दिया करते थे, मगर बीते 10 दिनों मे एक भी ग्राहक ऐसा नहीं आया,जिसने उन्हें 500 या 2000 रुपये का नया नोट दिया हो।
जो भी ग्राहक मोटरसाइकिल ठीक करा रहा है, वह 100-100 रुपये के नोट दे रहा है, भले ही उसे एक हजार से ज्यादा का भुगतान क्यों न करना हो।बैंकों से 500 व 2000 रुपये के नए नोट ग्राहकों को मिलने के बाद भी बाजार में इन नए नोटों के न पहुंचने पर यह सवाल उठने लगा है कि कहीं लोग नए नोटों को भी कालेधन में बदलने में तो नहीं लग गए हैं। नए नोटों को रिश्वत देने में देने का तो राज्य में भोपाल और उज्जैन में खुलासा हो ही चुका है। अब देखना है कि नए नोटों को कालेधन में बदलने वालों के चेहरे कब बेनकाब होते हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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