Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

नोटबंदी : लोगों की लगातार परेशानी से आंध्र के मुख्यमंत्री नाखुश

Published

on

नोटबंदी, 500 और 1000 रुपये के नोट, मुख्यमंत्री, राजनीतिक, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू

Loading

नोटबंदी, 500 और 1000 रुपये के नोट, मुख्यमंत्री, राजनीतिक, मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू

                        चंद्रबाबू नायडू

विजयवाड़ा | उच्च मूल्य के नोटों को अमान्य घोषित किए जाने के 12 दिनों बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं होने पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपनी अप्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी कि कोई एक समस्या इतने दिनों में हल न हुई हो।

लोगों की परेशानी जारी रहने को नायडू ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उनकी तेलुगू देशम पार्टी (तदेपा) केंद्र में भाजपानीत राजग सरकार में सहयोगी दल है।

नोटबंदी के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा के लिए रविवार को यहां आयोजित एक बैठक में उन्होंने कहा कि गरीब से लेकर अमीर तक, समाज के सभी वर्ग प्रभावित हैं।

काफी लंबे समय से नायडू 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की मांग कर रहे थे और गत महीने उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा कि लोगों को तुरंत राहत पहुंचाने के लिए अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों, भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों, बैंकरों की राज्यस्तरीय समिति (एसएलबीसी) और वित्त विभाग के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्थिति की समीक्षा की।

नायडू ने कहा कि इस संकट की घड़ी में लोगों की परेशानी कम करने के लिए सभी संबद्ध अधिकारियों को काफी तालमेल के साथ काम करना चाहिए। लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने के लिए उन्होंने सभी बैंकों को कॉल सेंटर स्थापित करने की सलाह दी।

मुख्यमंत्री के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने उन्हें सूचित किया है कि राज्य को 2000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं जिनमें 400 करोड़ की राशि 100 रुपये के नोटों में हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनधन खाता रूपे कार्ड से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी लेनदेन नकद रहित होने चाहिए।

बैंकों को तालमेल के साथ काम करने के निर्देश देते हुए नायडू ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की किसी भी समस्या को रोकने के लिए पुलिस को पर्याप्त कदम उठाना चाहिए।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending