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मप्र : सोशल मीडिया पर नोटबंदी पर विवादित टिप्पणी करने वालों की खैर नहीं

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सोशल मीडिया, नोटबंदी, 500-1000 के नोट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साइबर सेल, भाजपा

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सोशल मीडिया, नोटबंदी, 500-1000 के नोट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साइबर सेल, भाजपा

                                                   social-media

भोपाल  | केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 के नोट अमान्य किए जाने के बाद मध्य प्रदेश में नोटबंदी को लेकर विवादित टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। बीते दिनों में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर टिप्पणी करने वाले दो लोगों की गिरफ्तारी तक हो चुकी है। इंदौर में तो सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी के मद्देनजर धारा 144 लगाई गई है।

छतरपुर जिले के निवासी अभिषेक मिश्रा ने 11 नवंबर को एक वेवसाइट पर नोटबंदी की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री चौहान की तस्वीर और एक गाड़ी की डिग्गी में नोट रखे होने की तस्वीर जारी की, साथ ही कुछ टिप्पणी भी की, जिस पर साइबर सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों पर टिप्पणी की थी।

साइबर सेल के निरीक्षक (इंस्पेक्टर) रविकांत डहरिया ने बताया, “अभिषेक मिश्रा द्वारा नोटबंदी के बाद की गई विवादित टिप्पणी और कुछ तस्वीरों के चलते उसके खिलाफ धारा 66सी के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी की गई, प्रकरण जमानती होने के कारण उसे जमानत मिल गई।”

इसी तरह मुरैना जिले के असलम खान ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री की कूटरचित तस्वीर जारी की। भाजपा के एक कार्यकर्ता ने बानमोर थाने में इसके खिलाफ शिकायत की, और असलम की भी गिरफ्तारी हुई।

थाना प्रभारी बलराम सिंह यादव ने बताया कि शिकायत बीते बुधवार को आई थी और उसी दिन उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

इंदौर में जिला दंडाधिकारी पी. नरहरि ने 14 नवबंर को एक आदेश जारी कर जिले की राजस्व सीमा में बगैर किसी वैधानिक आधार के पुराने नोट पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी को प्रतिबंधित कर दिया।

नरहरि द्वारा जारी आदेश के अनुसार, “इंदौर राजस्व सीमा में बिना किसी वैधानिक आधार के पुराने नोट बदलने या उसके संबंध में किसी भी आपत्तिजनक अथवा उद्वेलित करने वाली फोटो, चित्र, मैसेज करने, उसे फॉरवर्ड करने, और ट्वीटर, फेसबुक, व्हाटस एप आदि सोशल मीडिया पर पोस्ट, लाइक करने की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जाता है।”

जिला दंडाधिकारी नरहरि ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के अंतर्गत जन सामान्य के स्वास्थ्य हित व लोक शांति के लिए यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह प्रतिबंधात्मक आदेश 14 नवंबर, 2016 से 12 जनवरी, 2017 तक प्रभावी रहेगा। इसका उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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