प्रादेशिक
उप्र : मंत्री प्रजापति के खिलाफ सबूत पेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के भूतत्व और खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। उनके खिलाफ अवैध खनन को संरक्षण और इसके जरिए अर्जित अवैध संपत्ति मामले में लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. मल्होत्रा के समक्ष शुक्रवार को सबूत पेश किए गए। सुनवाई की अगली तारीख 19 जनवरी तय की गई है। खनन मंत्री के खिलाफ शिकायत करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने लोकायुक्त मल्होत्रा को पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों के कई स्थानों में हो रहे भारी अवैध खनन को अलग-अलग चिह्न्ति कर बताया। साथ ही विभिन्न प्रकार के वाहनों से की जा रही अवैध वसूली की दर और वसूली के तरीके की भी जानकारी दी।
अपनी शिकायत की पुष्टि के लिए लोकायुक्त को दिए गए साक्ष्य में डॉ. नूतन ने बताया कि वर्ष 2013 में 26 जिलों के जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य सरकार को पत्र द्वारा सूचित किया था कि बिना पट्टा के ही पुलिस और खनन विभाग की मदद से नदी किनारे अवैध खनन हो रहा है, लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
इसी तरह जुलाई 2013 में डीएम गोंडा रोशन जैकब द्वारा नवाबगंज तथा तरबगंज तहसील में एसडीएम और तहसीलदार द्वारा अवैध खनन कराने के पत्र पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने के बारे में बताया।
शिकायतकर्ता ने परिवाद दायर करने के ठीक अगले दिन सोनभद्र के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह द्वारा जारी प्रेस नोट का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि अब जिले में अवैध खनन करने वालों की खैर नहीं है। साथ ही मंत्री प्रजापति द्वारा 65 वर्षीया शिव देवी की अमेठी स्थित जमीन की बाउंड्री तोड़ने के साक्ष्य देते हुए एमजीए कोलोनाइजर के डायरेक्टर के रूप में ग्राम हरिहरपुर में अवैध प्लाटिंग के अभिलेख प्रस्तुत किए।
शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त से पूरे प्रदेश में हो रहे अवैध खनन के संबंध में गोपनीय या सार्वजनिक सूचना देने के लिए विज्ञप्ति जारी करने की गुजारिश की। लोकायुक्त ने इस मामले और सबूत पेश करने के लिए अतिरिक्त समय देते हुए मामले की अगली तारीख 19 जनवरी तय की है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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