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गनी ने पाकिस्तान को आतंक का अभयारण्य कहा

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राष्ट्रपति अशरफ गनी, अफगानिस्तान, नरेंद्र मोदी, आतंकवाद, पाकिस्तान, प्रधानमंत्री, सरताज अजीज

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राष्ट्रपति अशरफ गनी, अफगानिस्तान, नरेंद्र मोदी, आतंकवाद, पाकिस्तान, प्रधानमंत्री, सरताज अजीज

                                            ashraf-ghani

अमृतसर  | अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रूप से पाकिस्तान का नाम लिया। साथ ही कहा कि यदि पड़ोसी देश से आतंकियों को समर्थन मिलना जारी रहेगा तो आर्थिक सहायता की कोई भी राशि युद्ध से तबाह देश को मजबूत होने में मदद नहीं कर सकती।

गनी की यह कठोर टिप्पणी अफगानिस्तान पर 6ठे मंत्रिस्तरी ‘हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन-इस्तानबुल प्रक्रिया’ में की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान कुछ चुनिंदा आतंकियों को उनके ठिकानों से हटाने के लिए चलाए गए।

गनी ने कहा, “पाकिस्तान में सरकार प्रायोजित अभयारण्य मौजूद हैं। तालिबान के एक अधिकारी ने हाल में कहा था कि यदि पाकिस्तान में उन्हें सुरक्षित पनाहगाह न मिले तो वे एक माह भी नहीं टिके रह पाएंगे।”

अफगानिस्तान के विकास पर आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी ने यह बात कही। इस सम्मेलन में पाकिस्तान की विदेश नीति के वास्तविक प्रमुख सरताज अजीज भी हिस्सा ले रहे हैं।

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने युद्ध से तबाह अपने देश के पुननिर्माण के लिए 50 करोड़ डॉलर दान देने के पाकिस्तान की पेशकश के लिए पाकिस्तान को धन्यवाद दिया, लेकिन पाकिस्तान के शीर्ष राजनयिक सरताज अजीज को प्रत्यक्ष रूप से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “जनाब अजीज, मैं आशा करता हूं कि महोदय आप इसका इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकियों एवं चरमपंथियों से लड़ने के लिए करेंगे।”

गनी ने भारत की पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार के आतंकवाद की चिंता को साझा किया और कहा कि दुनिया को इस बुराई से लड़ने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान में पिछले वर्ष सबसे अधिक संख्या में लोग हताहत हुए। यह अस्वीकार्य है। कुछ देश अब भी आतंकियों को सुरक्षित ठिकाना मुहैया करा रहे हैं।”

राष्ट्रपति ने कहा कि वह पंजाब के इस शहर में आयोजित कार्यक्रम में आरोप-प्रत्यारोप के खेल में शामिल होना नहीं चाहते, जिसमें दक्षिण और मध्य एशिया और कई पश्चिमी देशों के नेता शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि वह आतंक के निर्यात को रोकने के लिए क्या किया जा रहा है, इस बारे में स्पष्टीकरण चाहते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर आतंकवाद का समर्थन करने और उसके लिए पैसा मुहैया कराने को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इससे पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र की शांति खतरे में पड़ गई है।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद को परास्त करने के लिए हम सभी को हर हाल में मजबूत सामूहिक इच्छाशक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि शांति का समर्थन करना पर्याप्त नहीं है। इसका कठोर कार्रवाई से समर्थन अनिवार्य है।

मोदी ने कहा कि महज आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। दुनिया को जो उनका समर्थन करते हैं, पनाह देते हैं और धन देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है।

इससे पहले गनी ने अफगानिस्तान के विकास के लिए भारत के बिना शर्त सहायता की सराहना की। उन्होंने कहा कि चाबाहार बंदरगाह का विस्तार भारत, ईरान और उनके देश के बीच क्षेत्रीय व्यापार और संपर्क के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

 

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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