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प्रादेशिक

नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं : शिवराज

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भाजपा, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी, कालेधन, नोटबंदी, प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार

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भाजपा, शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र मोदी, कालेधन, नोटबंदी, प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार

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भोपाल  | केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भले ही नोटबंदी के फैसले को अचानक लिया गया फैसला करार देती हो, मगर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि ‘नोटबंदी का फैसला अचानक नहीं लिया गया।’ राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में आयोजित

‘राज्य शासन द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम’ में प्रदेश भर से आए हितग्राहियों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को खत्म करने के लिए नोटबंदी का फैसला किया, आठ तारीख को हजार और पांच सौ के नोट बंद कर दिए गए, लोगों को थोड़ी तकलीफ जरूर हुई होगी, लेकिन यह फैसला अचानक नहीं लिया।”

उन्होंने आगे कहा, “बहुत पहले प्रधानमंत्री ने कालेधन के कुबेरों को चेताया था कि अगर तुम्हारे पास कालाधन हो तो पहले जमा करवा दो, 45 प्रतिशत टैक्स सरकार ले लेगी, बाकी पैसा तुम्हें वापस दे देगी। कई लेागों ने तो जमा करा दिया, मगर कई लोगों ने कहा कि हमारे पास तो कुछ है ही नहीं। आठ नवंबर के बाद वो परेशान हो गए।”

ज्ञात हो कि नोटबंदी को लेकर विपक्ष के हो रहे हमलों के जवाब में सरकार और भाजपा संगठन लगातार यही कहता आ रहा है कि यह फैसला अचानक लिया गया है। साथ ही तर्क भी दिया जाता है कि अगर यह फैसला अचानक नहीं लिया गया होता, तो कालेधन वालों को समय मिल गया होता और वे इस समय का लाभ उठा लेते।

चौहान ने नोटबंदी के फैसले को ऐतिहासिक करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी की तुलना भगवान सत्यनारायण से कर डाली। उन्होंने कहा, “नोटबंदी के फैसले और सरकार द्वारा पूर्व में दी गई चेतावनी से सत्यनारायण भगवान की कथा याद आती है, लीलावती-कलावती की कहानी पता है, एक साहूकार धन अर्जित करने बाहर गया,

खूब पैसा और धन अर्जित किया, पैसा भरकर एक नाव में लेकर आ रहा था, भगवान ने भेष बदलकर उससे पूछा कि नाव में क्या रखा है, नाव में धन-दौलत थी, टैक्स के डर से उस व्यापारी ने भगवान से कहा कि इस नाव में तो लतापत्र भरा है, भगवान ने व्यापारी से कहा कि एक बार फिर सोच लो,

जब उसने वही बात दोहराई तो भगवान ने कहा कि सच में लतापत्र हो जाए। वह सारा धन लतापत्र हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी के पास कालाधन हो तो जमा करा दो, तो कालेधन वालों ने कहा कि हमारे पास कुछ नहीं है। तब मोदी जी ने कहा कि वह लतापत्र हो जाए, तो सब लतापत्र हो गया।”

चौहान ने आगे कहा कि नोटबंदी से सब खुश हैं। उन्होंने वहां मौजूद हितग्राहियों से भी नोटबंदी के पक्ष में हामी भरवाई।

इस आयोजन में प्रदेशभर से लाखों की संख्या में हितग्राह पहुंचे। उन्हें सरकारी योजनाओं का प्रशिक्षण देने के मकसद से योजनाओं को वीडियो फिल्म के जरिए बताया गया।
 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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