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मुख्य समाचार

जयललिता का अंतिम संस्कार संपन्न

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मुख्यमंत्री जे.जयललिता, एआईएडीएमके, प्रणब मुखर्जी, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मरीना बीच

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मुख्यमंत्री जे.जयललिता, एआईएडीएमके, प्रणब मुखर्जी, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, मरीना बीच

चेन्नई  | तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को यहां मरीना बीच पर उनके राजनीतिक गुरु तथा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के संस्थापक एम.जी.रामचंद्रन (एमजीआर) के स्मारक के निकट मंगलवार शाम दफन कर दिया गया। जयललिता दो महीने से भी ज्यादा समय से चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थीं। रविवार शाम उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद सोमवार रात 11.30 बजे उनका निधन हो गया। उन्हें 22 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जयललिता के पार्थिव शरीर को लोगों के अंतिम दर्शन के लिए मंगलवार सुबह पोज गार्डन स्थित उनके आवास से राजाजी हॉल लाया गया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, दिल्ली, कर्नाटक तथा पुडुचेरी के मुख्यमंत्री, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि दी।

शाम को राजाजी हॉल से जयललिता की अंतिम यात्रा शुरू हुई। जयललिता का पार्शिव शरीर एक सैन्य वाहन पर रखा हुआ था, जिसे मरीना बीच ले जाया गया।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम, जयललिता की निकटस्थ सहयोगी शशिकला नटराजन तथा अन्य लोग सेना के उस वाहन में बैठे थे, जिससे मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर कांच के एक बक्से में रखकर ले जाया जा रहा था।

मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को ले जा रहा यह वाहन धीरे-धीरे मरीना बीच की तरफ बढ़ रहा था। इस बीच सड़कों पर हजारों की तादाद में लोग अपने प्रिय नेता की एक झलक पाने के लिए खड़े रहे।

मरीना बीच पर सैन्य सम्मान के बाद जयललिता के पार्थिव शरीर को कांच के बॉक्स से निकालकर चंदन की लकड़ी से बने एक ताबूत में रखा गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, पन्नीरसेल्वम तथा तमिलनाडु के राज्यपाल सी.विद्यासागर राव ने वहां जयललिता के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

शव की अंत्येष्टि के दौरान सारे विधि-विधान शशिकला तथा उनके संबंधियों ने किए।

शाम छह बजे के आसपास उन्हें कब्र में दफना दिया गया।

 

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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