Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बिहार टॉपर्स घोटाले के आरोपी की मौत, पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR

Published

on

Loading

Bihar toppers ghotalaपटना। बिहार में चर्चित टॉपर्स घोटाले के एक आरोपी दिवाकर सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस इसे जहां आत्महत्या बता रही है, वहीं मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने छत से धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। मृतक के बेटे विक्रम सिंह (विक्की) ने छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ पटना के बहादुरपुर थाने में हत्या की एक प्राथमिकी दर्ज कराई है।

पुलिस के अनुसार, स्मृति पेपर मिल के मालिक 58 वर्षीय दिवाकर प्रसाद सिंह के बेटे विक्रम सिंह का आरोप है कि बुधवार रात करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी उनके पंचवटी कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। पांच पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेर लिया और दिवाकर प्रसाद के बारे में पूछा। इसके बाद देवकांत वर्मा नाम के एक पुलिसकर्मी व तीन अन्य पुलिसकर्मी सीढ़ी चढक़र ऊपर चले गए। थोड़ी देर बाद ऊपर से चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगीं।

विक्रम के अनुसार, उसने देखा कि पिता के साथ पुलिस वाले हाथापाई कर रहे थे। विक्रम ने बताया कि इस दौरान दो पुलिसकर्मी उन्हें खींचकर नीचे ले गए। थोड़ी देर बाद पिता की आवाजें आनी बंद हो गई। इस बीच पुलिसवाले सीढ़ी से उतरकर चले गए और पिता के बारे में कोई जवाब नहीं दिया।

पुलिस के जाने के बाद वे घर के पिछवाड़े में नीचे गिरे मिले। आनन-फानन में उन्हें पटना के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।

इधर, पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने शुक्रवार को बताया कि दिवाकर प्रसाद सिंह के बेटे के बयान के आधार पर गुरुवार को बहादुरपुर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। पूरी छानबीन करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में टॉपर्स बनाने में अनियमितता बरते जाने की शिकायत के बाद जांच कर रही विशेष अनुसंधान टीम ने दीदारगंज स्थित स्मृति पेपर मिल में छापेमारी की थी। मिल से पुलिस ने करीब साढ़े तीन हजार कॉपियां (उत्तर पुस्तिका) बरामद की थी।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending