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मनोरंजन

अच्छी कहानी पर बनी फिल्में लोगों को पसंद : नीरज घेवन

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फिल्म निर्देशक नीरज घेवन, नीरज घेवन, हिंदी सिनेमा, लोकलाइजेशन, एंटरटेनमेंट, मनोरंजन, 'मसान'

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फिल्म निर्देशक नीरज घेवन, नीरज घेवन, हिंदी सिनेमा, लोकलाइजेशन, एंटरटेनमेंट, मनोरंजन, 'मसान'

नीरज घेवन

पटना | जाने-माने फिल्म निर्देशक नीरज घेवन ने यहां सोमवार को कहा कि आज व्यावसायिक और समानांनतर फिल्मों का दायरा सिमट रहा है, अच्छी कहानी पर बनी फिल्में ही अब लोगों को पसंद आ रही है। बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्कृति विभाग, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘पटना फिल्म फेस्टिवल 2016’ में ‘हिंदी क्षेत्र में हिंदी सिनेमा’ विषय पर आयोजित परिचर्चा में उन्होंने कहा, “आज स्थानीकरण (लोकलाइजेशन) का दौर है, इसलिए सिनेमा के माध्यम से भी आज लोग ऐसी ही फिल्में पसंद कर रहे हैं।

आज हम 50-60 के दशक के शहरों को उस समय फिल्माई गई लोकेशन के माध्यम से ही जान पाते हैं, हालांकि आज इसमें कमी आई है।” फिल्म ‘मसान’ के निर्देशक ने हिंदी क्षेत्र पर चर्चा करते हुए कहा, “हिंदी सिनेमा में उत्तर भारत के छोटे शहरों का प्रस्तुतीकरण व्यंगात्मक तरीके से होता रहा है। मुझे लगता है कि यह भी हिंदी सिनेमा की एक समस्या रही है। हम लोग छोटे शहरों को ही प्रस्तुत करने की लगातार कोशिश करते हैं।” कान्स फिल्म फेस्टिवल के अनुभव की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि कान्स में अपनी फिल्म का प्रतिनिधित्व करना काफी आनंददायक पल था।

वहां मनोरंजन की एक नई परिभाषा से भी रूबरू होने का मौका मिला। सीटी मारना, लड़की के शर्माने पर या किसी चुटकुले पर हंसना ही मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) नहीं है, उसके विषय में सोचना भी मनोरंजन है।  फिल्म ‘मसान’ की चर्चा करते हुए घेवन ने कहा, “फिल्म में पटकथा (स्क्रिप्ट) सर्वोपरि है। मैं भी इसका मुरीद हूं। मैं अपने फिल्म के अभिनेता से पटकथा के अनुसार किरदार की उम्मीद करता हूं। अच्छी फिल्मों के लिए बहुत ही ईमानदारी से लिखी कहानी के अलावा बाकी चीजों पर भी ईमानदारी की जरूरत है।”

परिचर्चा में भाग लेते हुए फिल्म ‘मसान’ के अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि बिहार में फिल्म संस्कृति विकसित करने के लिए यहां पहले माहौल बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं कि बिहार पर सिनेमा नहीं बन रहा है, लेकिन हमें ये समझना होगा कि केवल सिनेमा ही बिहार पर बना या शूटिंग से लेकर रिलीज तक की पूरी प्रक्रिया बिहार में हुई।  उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य होता है कि ज्यादातर फिल्में अब मुंबई में ही शूट की जा रही हैं।” मिश्रा ने ‘मसान’ के बारे में कहा, “ये सिर्फ मेरे लिए सिर्फ एक फिल्म भर नहीं थी। एक कलाकार के रूप में आप अगर खुद से न्याय नहीं करेंगे तो दुनिया आपको नहीं मानेगी।”

 

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असित मोदी के साथ झगड़े पर आया दिलीप जोशी का बयान, कही ये बात

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मुंबई। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में जेठालाल गड़ा का किरदार निभाने वाले दिलीप जोशी को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स छापी गईं, जिनमें दावा किया गया कि शो के सेट पर उनके और असित मोदी के बीच झगड़ा हुआ। फिलहाल अब दिलीप जोशी ने इस पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ी है और खुलासा करते हुए बताया है कि इस पूरे मामले की सच्चाई क्या है। अपने 16 साल के जुड़ाव को लेकर भी दिलीप जोशी ने बात की और साफ कर दिया कि वो शो छोड़कर कहीं नहीं जा रहे और ऐसे में अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए।

अफवाहों पर बोले दिलीप जोशी

दिलीप जोशी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं बस इन सभी अफवाहों के बारे में सब कुछ साफ करना चाहता हूं। मेरे और असित भाई के बारे में मीडिया में कुछ ऐसी कहानियां हैं जो पूरी तरह से झूठी हैं और ऐसी बातें सुनकर मुझे वाकई दुख होता है। ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ एक ऐसा शो है जो मेरे और लाखों प्रशंसकों के लिए बहुत मायने रखता है और जब लोग बेबुनियाद अफवाहें फैलाते हैं तो इससे न केवल हमें बल्कि हमारे वफादार दर्शकों को भी दुख होता है। किसी ऐसी चीज के बारे में नकारात्मकता फैलते देखना निराशाजनक है जिसने इतने सालों तक इतने लोगों को इतनी खुशी दी है। हर बार जब ऐसी अफवाहें सामने आती हैं तो ऐसा लगता है कि हम लगातार यह समझा रहे हैं कि वे पूरी तरह से झूठ हैं। यह थका देने वाला और निराशाजनक है क्योंकि यह सिर्फ हमारे बारे में नहीं है – यह उन सभी प्रशंसकों के बारे में है जो शो को पसंद करते हैं और ऐसी बातें पढ़कर परेशान हो जाते हैं।’

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