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प्रादेशिक

पीएम मोदी सोमवार को आएंगे कानपुर, पहले कौशल संस्थान की रखेंगे नींव

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pm-modiनई दिल्ली। युवकों को अधिक रोजगार पाने योग्य एवं स्वनिर्भर बनने के लिए उन्हें अधिकार संपन्न बनाने और भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने के अपने विजन के अनुरूप प्रधानमंत्री सोमवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में देश के अब तक पहले ‘भारतीय कौशल संस्थान’ की आधारशिला रखेंगे।

इस संस्थान की संकल्पना नरेन्द्र मोदी द्वारा सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की यात्रा के दौरान की गई थी। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन की साझेदारी में देश में अपनी तरह के ऐसे पहले संस्थान की स्थापना करने का फैसला किया है। यह संस्थान प्रशिक्षण के सिंगापुर मॉडल से प्रेरित है और यह देश के विभिन्न सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को अंगीकार करेगा। मंत्रालय ने ऐसे 6 संस्थान खोलने का निर्णय किया है।

प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए कौशल प्रदर्शनी का भी उद्घाटन करेंगे। इस प्रदर्शनी में विभिन्न क्षेत्रों के अत्याधुनिक स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रचलनों को प्रदर्शित किया जाएगा और यह प्रदर्शनी 19 से 22 दिसंबर के बीच कानपुर के रेल मैदानों में आम जनता के लिए खुली रहेगी।

मोदी प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों (पीएमकेके) एवं चालकों के प्रशिक्षण संस्थानों समेत देश के युवाओं के लिए कई प्रकार की कौशल विकास पहलों को लांच करेंगे। समारोह के दौरान विभिन्न उद्योगों के बीच कार्यनीतिक साझेदारियों का भी आयोजन किया जाएगा, जो अगले तीन वर्षो के दौरान लगभग चार लाख युवाओं को प्रशिक्षित करेगी तथा उन्हें रोजगार देगी।

समारोह के दौरान राज्य में ‘राष्ट्रीय शिक्षु संवर्धन योजना’ की भी घोषणा की जाएगी, जिसके सफल कार्यान्वयन में राज्य सरकार की एक बड़ी भूमिका है। ऐसी केवल 23000 निजी कंपनियां हैं, जो देश भर में प्रशिक्षुता से जुड़ी हुई है। प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के तहत इसके मॉडल ने कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ पहुंचाया है। 2016-17 के लिए वित्तीय वर्ष लक्ष्य देश भर में कम से कम 5 लाख शिक्षुओं का नामांकन सुनिश्चित करने का है।

इस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजीव प्रताप रूडी, उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री रामगोविन्द चौधरी एवं सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी एवं भोले सिंह की उपस्थिति में किया जा रहा है।

राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश के 65 जिलों में अभी तक 400 सक्रिय कौशल विकास केंद्र हैं, जिनका संचालन साझीदारों द्वारा किया जाता है। लगभग 3 लाख युवकों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है और उनमें से 50 प्रतिशत युवकों को उनकी पसंद का रोजगार प्राप्त भी हो चुका है। चाहे कृषि क्षेत्र हो, परिधान क्षेत्र, ऑटो कम्पोनेंट क्षेत्र हो, बैंकिंग और वित्तीय सेवा, हॉस्पीलिटी या चमड़ा क्षेत्र हो, हमने देखा है कि युवक सभी क्षेत्रों में दिलचस्पी प्रदर्शित करते हैं और अपनी पसंद का कौशल सीखते हैं।

रूडी ने कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की योजना देश के प्रत्येक जिले में एक-एक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके) खोलने की है, जिससे कि स्थानीय रूप से युवाओं के लिए विकास के अवसरों का सृजन किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा सोमवार को समारोह के दौरान 31 पीएमकेके लांच किए जाने की घोषणा की जाएगी। प्रधानमंत्री कौशल केंद्र आधुनिक अवसंरचना के साथ प्रतिष्ठित अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र हैं, जिससे कि देश में कौशल प्रशिक्षणों को बढ़ावा दिया जा सके।

उत्तर प्रदेश

पांच करोड़ जरुरतमंदों ने उठाया समाज कल्याण की योजनाओं का लाभ, 40 हजार करोड़ बांटे गये

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लखनऊ| योगी सरकार प्रदेश के गरीब, वंचितों, महिलाओं और बुजुर्ग समेत हर वर्ग की मदद के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं को लाभ प्रदेश भर में बिना भेदभाव के सभी को दिया जा रहा है। योगी सरकार सबका साथ सबका विकास के तहत काम कर रही है। बीते छह वर्ष के डेटा पर नजर डालें तो समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं का करीब पांच करोड़ जरूरतमंदों ने लाभ उठाया है। इसके लिए योगी सरकार ने पिछले छह वर्ष में 40 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च की है, जो यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता के लिए हमेशा संकट मोचक की तरह खड़े रहते हैं।

3 करोड़ से अधिक पेंशनधारकों को वितरित की गयी पेंशन

समाज कल्याण के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी योजनाओं को लाभ देने के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के जरिये विभाग की 11 विभिन्न योजनाओं को लाभ दिया जा रहा है। इसी के तहत पिछले छह वर्षों 2018-19 से 23-24 के बीच 4,86,38,827 जरुरतमंद लाभार्थियों को लाभ दिया गया। इसके लिए योगी सरकार की ओर से 40,667 करोड़ रुपये खर्च किये गये। उन्होंने बताया कि विभाग की राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को हर माह पेंशन दी जाती है। योजना के तहत पिछले छह वर्षों में 3,62,57,918 लाभार्थियों को 25,09,730 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। इसी तरह राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के मुखिया को एक मुश्त 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत 6,77,755 परिवार को 2,03,326 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।

छह वर्षों में 3,67,652 जोड़ों की करायी गयी शादी

निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर हर जरुरतमंदों की स्क्रीनिंग कर योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। विभाग की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न कराया जाता है। योजना के तहत 3,67,652 जोड़ों की शादी करायी गयी। इसके लिए योगी सरकार ने 1,84,030 लाख रुपये खर्च किये हैं। इसके अलावा छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। पूर्वदशम् छात्रवृति वितरण योजना के तहत अनुसूचित जाति के 19,85,389 छात्रों को 47,308 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 6,38,669 छात्रों को 17,202 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। इसी तरह दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के 51,96,409 छात्रों को 4,84,405 लाख रुपये तथा सामान्य वर्ग के 30,60,875 छात्रों को 3,43,088 लाख रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। वहीं अत्याचार से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को आर्थिक सहायता योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है। योजना के तहत 1,35,030 परिवार को 1,29,568 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गयी। इतना ही नहीं योगी सरकार की ओर से परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत 5,103 छात्रों ने योजना का लाभ उठाया। इसके लिए 2,913 लाख रुपये खर्च किये गये।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का 51,608 छात्रों ने उठाया लाभ

विभाग की ओर से प्रदेश भर में अनुसूचित जाति छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 53,862 छात्रों ने लाभ उठाया है। इसके लिए 18,670 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। इसके अलावा प्रदेश भर में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय (पूर्ववर्ती नाम राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय) का संचालन किया जा रहा है। इसका पिछले छह वर्षों में 2,01,693 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इस मद में योगी सरकार ने 18,670 लाख रुपये खर्च किये। वहीं मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का पिछले चार वर्षों में 51,608 लाभार्थियों ने लाभ उठाया। इसके लिए योगी सरकार ने 4,666 लाख रुपये खर्च किये हैं। वहीं उत्तर प्रदेश माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं वृद्धाश्रमों का संचालन किया जा रहा है। इसका एक वर्ष में 6,864 लोगों ने लाभ लिया है। इसके लिए 6,193 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया। इसके जरिये ट्रांसजेंडर के अधिकारियों के संरक्षण को लेकर प्रदेश भर में अभियान और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

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