हेल्थ
लार से पता चलेगी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
लंदन | कम खर्च वाले एक लार परीक्षण से आपकी प्रतिरोधक क्षमता का पता आसानी से लगाया जा सकेगा। इससे जीवाणु संक्रमण से रक्षा करने और टीकाकरण के आकलन में आसानी होगी। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि लार परीक्षण विशेष कर बच्चों और वृद्धों में नमूना संग्रह करने का आर्कषक तरीका हो सकता है।
ब्रिटेन के बर्मिघम विश्वविद्यालय की प्रमुख लेखक जेनिफर हेनी ने कहा, “लार के नमूने बिना तकलीफ दिए लिए जा सकते हैं। इसके लिए किसी खास प्रशिक्षण या उपकरण की जरूरत नहीं है। इसमें लागत भी कम है।”
शोध से पता चलता है कि लार की आईजीजी पीएन एंटीबॉडी शिशुओं के सीरम के एंटीबॉडी स्तर से परस्पर संबंध हैं।
आमतौर पर जीवाणु संक्रमण के खिलाफ बचाव के लिए रक्त सीरम में एंटीबॉडी स्तर की माप की जाती है।
लेकिन खून के नमूने लेने में बहुत सारी सावधानियों का ख्याल रखना होता है और खास तौर से विकसित देशों में यह हर बार संभव भी नहीं होता। बच्चों के मामलों में काफी दिक्कतें भी होती हैं।
हेनी ने कहा, “यह सुझाव कि लार में एंडीबॉडी का स्तर सीरम के स्तर का संकेत है, इससे दुनिया के कई हिस्सों में प्रतिरोधक क्षमता और टीकाकरण के महत्वपूर्ण कारकों को चिह्न्ति करने में मदद मिलेगी।”
पिछले अनुसंधान से पता चलता है कि लार में एंटीबॉडी का कम स्तर ज्यादा मृत्युदर के जोखिम से जुड़ा है। इससे लार के आईजीए स्राव का इस्तेमाल पेशेवर किसी के स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में कर सकेंगे।
शोध के लिए 72 स्वस्थ व्यक्तियों के रक्त और लार के नमूने लिए गए। इन नमूनों की जांच आईजीजी, आईजीएम और आईजीए एंटीबॉडी के मात्रा के आधार पर की गई। इनका इस्तेमाल 12 न्यूमोकोकल एंटीजन के खिलाफ किया गया।
शोध के परिणाम से पता चलता है कि सीरम में उच्च एंटीबॉडी का जुड़ाव लार में उच्च एंटबॉडी की मात्रा से है। इसका सबसे मजबूत जुड़ाव आईजीए एंटीबॉडी से है।
इस शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘बायोमार्कर्स’ में किया गया है।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
-
उत्तराखंड2 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड2 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
झारखण्ड3 days ago
भाजपा सिर्फ जाति-धर्म के नाम पर उन्माद फैलाने की कोशिश करती है : हेमंत सोरेन
-
राजनीति2 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
मध्य प्रदेश2 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
प्रादेशिक2 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
-
मुख्य समाचार2 days ago
VIDEO : 96 लाख रुपये बैटिंग एप में हारने वाले लड़के को देखें, कैसे हारा इतना पैसा
-
प्रादेशिक2 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा