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नकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू बाजार में गिरावट

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नकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू बाजार में गिरावट

मुंबई | वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रूझान के बीच बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बड़े आर्थिक आंकड़ें जारी नहीं होने और क्रिसमस के अवकाश की छुट्टियों से पहले बाजार में नीरसता रही। बीते सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार सातवें सत्र में भी गिरावट रही।

सेंसेक्स 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से थोड़ा से ऊपर रहा जबकि निफ्टी 8,000 के स्तर से नीचे लुढ़ककर बंद हुआ। घरेलू बाजार में शुक्रवार यानी 23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 448.86 अंकों यानी 1.69 फीसदी की गिरावट के साथ 26,040.70 पर रहा जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 153.70 अंकों यानी 1.88 फीसदी की गिरावट के साथ 7,085.75 पर रहा।

बीएसई मिडकैप सूचकांक में 3.88 फीसदी की गिरावट रही। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 2.61 फीसदी की गिरावट रही।

घरेलू बाजार में 19 दिसंबर यानी सोमवार को सेंसेक्स 114.86 अंकों यानी 0.43 फीसदी की गिरावट के साथ 26,374.70 पर रहा जो सात दिसंबर के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। बाजार में मंगलवार यानी 20 दिसंबर को हल्की कमजोरी रही। इस दौरान सेंसेक्स 66.72 अंक यानी 0.25 फीसदी की कमजोरी के साथ 26,307.98 पर रहा जो सात दिसंबर 2016 के बाद सबसे निचला स्तर रहा।

बाजार में बुधवार यानी 21 दिसंबर को कोराबर काफी उथल-पुथल भरा रहा। बाजार में 22 दिसंबर यानी गुरुवार को सेंसेक्स 26,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया। सेंसेक्स 262.78 अंकों यानी 1 फीसदी की गिरावट के साथ 25,970.60 पर रहा जो 24 नवंबर के बाद इसका सबसे निचला स्तर रहा।

बीते सप्ताह शुक्रवार यानी 23 दिसंबर को बाजार में मजबूती रही। सेंसेक्स 61.10 अंकों यानी 0.24 फीसदी की गिरावट के साथ 26,040.70 पर रहा जो 21 दिसंबर के बाद सबसे उच्चतम स्तर रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयरों में से अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन में 6.12 फीसदी, एशियन पेंट्स में 3.01 फीसदी, कोल इंडिया में 0.03 फीसदी, एचडीएफसी में 3.55 फीसदी, हिंदुस्तान यूनिलीवर में 3.22 फीसदी, आईटीसी में 0.77 फीसदी, एलएंडटी में 1.62 फीसदी, ओएनजीसी में 4.31 फीसदी, पावर ग्रिड में 1.17 फीसदी की गिरावट रही जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.06 फीसदी और गेल इंडिया में 3.97 फीसदी की मजबूती रही। बैंकिंग शेयरों में गिरावट रही जबकि आईटी शेयर मिले-जुले रहे।

घरेलू घटनाक्रमों की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियाों ने पिछले सप्ताह पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में वृद्धि का ऐलान किया था जो 16 दिसंबर की आधीरात से लागू हो गया था।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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