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नेशनल

अब तक 11 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई गई

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दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, डीडीयूजीजेवाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नरेंद्र मोदी, विद्युतीकरण

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दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, डीडीयूजीजेवाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नरेंद्र मोदी, विद्युतीकरण

नई दिल्ली | देशभर के 102 गांवों में पिछले हफ्ते 19 से 25 दिसंबर के बीच दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के तहत बिजली पहुंचाई गई। विद्युतीकरण किए गए गांवों में असम के 17, बिहार के 9, छत्तीसगढ़ के 10, झारखंड के 29, मणिपुर के 5, ओडिशा के 30 और मध्यप्रदेश और राजस्थान का एक-एक गांव शामिल है।

आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में कही बात पर अमल करते हुए भारत सरकार ने 1000 दिन के भीतर यानी 1 मई, 2018 तक शेष 18,452 गैर-विद्युतीकृत गांवों में विद्युतीकरण करने का फैसला किया है।

इस परियोजना को अभियान के रूप में शुरू किया गया है और विद्युतीकरण की रणनीति में कार्यान्वयन की अवधि 12 महीनों में सीमित करना तथा गांवों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया को निगरानी के लिए निश्चित समयावधि सहित 12 स्तरों में विभाजित किया गया है।

अब तक 11,429 गांवों का विद्युतीकृत किया जा चुका है। शेष 7,023 गांवों में से 698 गांवों में कोई बसावट नहीं है। 3,775 गांवों तक ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है, भौगोलिक बाधाओं के कारण 2,502 गांवों तक ऑफ ग्रिड के माध्यम से बिजली पहुंचाई जानी है तथा 48 गांवों का विद्युतीकरण स्वयं राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

अप्रैल, 2015 से 14 अगस्त, 2015 तक 1654 गांवों का विद्युतीकरण किया गया और सरकार द्वारा मिशन मोड में पहल किए जाने के बाद 15 अगस्त, 2015 से 25 दिसंबर, 2016 तक 9,775 अतिरिक्त गांवों का विद्युतीकरण किया गया।इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ग्राम विद्युत अभियंता (जीवीए) के जरिए बारीकी नजर रखी जा रही है और नियमित अंतराल पर कई अन्य कदम उठाए जा रहे हैं,

जैसे आरपीएम बैठक के दौरान मासिक आधार पर प्रगति की समीक्षा और उन गांवों की सूची को भी राज्य की बिजली कंपनियों से साझा किया जाता है, जहां विद्युतीकरण की प्रकिया जारी है। साथ ही ऐसे गांवों की भी पहचान की जाती है, जहां विद्युतीकरण की प्रक्रिया देरी से चल रही है।

 

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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