Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

विधायकी खत्म, अब जेल में पीसेंगे चक्की

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के विधायक कप्तान सिंह राजपूत और उनके भाई लक्ष्मण दास को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यूपी की चरखारी सीट से विधायक कप्तान सिंह को ये सजा 12 साल पहले हुए एक हत्याकांड के सिलसिले में मिली है। उम्रकैद की सजा मिलते ही सपा विधायक की विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो गई। वह यूपी के पहले विधायक हैं जिन्हें कोर्ट से सजा मिलने पर अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी है।

विधायक को उरई की अदालत ने 3 जनवरी को हत्या का दोषी माना था और उन्हें 5 जनवरी को ये सजा सुनाई गई। विधायक तीन जनवरी को ही विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए थे। 5 जनवरी को सजा सुनाते हुए स्पेशल जज ने विधायक और उनके भाई पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में विधायक व उनके भाई को जिला कारागार भेज दिया गया।

विधायक को विधानसभा की अपनी सदस्यता 10 जुलाई 2013 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार गंवानी पड़ी है। इस निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो साल से अधिक सजा मिलते ही जनप्रतिनिधि की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाएगी। अब जल्द ही विधानसभा में उनकी सीट खाली होने की सूचना घोषित होगी।

गौरतलब है कि चरखारी सीट से विधायक चुने गए कप्तान सिंह राजपूत केवल साढ़े तीन महीने ही विधायक रह सके। भाजपा नेता उमा भारती के इस्तीफे के बाद चरखारी सीट पर हुए उपचुनाव में कप्तान सिंह 16 सितंबर 2014 को विधायक चुने गए। वर्तमान हालात में 16वीं विधानसभा में चरखारी विधानसभा सीट पर तीसरी बार चुनाव होगा। पहली बार वर्ष 2012 में यहां चुनाव हुआ था तब उमा भारती ने जीत दर्ज की थी लेकिन उनके सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ और कप्तान सिंह विधायक बने। ऐसे में अब फिर यह सीट खाली हो गई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending