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नोटबंदी के बाद पीएम मोदी का पहला इंटरव्यू, बोले- नीति-रणनीति में फर्क समझिए
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दावा किया कि नोटबंदी ने चाहे भ्रष्ट नेता हों या नौकरशाह, सभी के कालेधन को खुले में आने के लिए बाध्य कर दिया है। नोटबंदी के बाद एक पत्रिका को दिए पहले इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के दुश्मनों के पास मौजूद जाली भारतीय मुद्रा को नोटबंदी ने एक झटके में बेकार बना दिया।
नोटंबदी के बाद अलग-अलग फैसलों के लिए जारी होने वाली सरकार की विविध अधिसूचनाओं का पीएम नरेंद्र मोदी ने बचाव किया। उन्होंने कहा कि नीति के स्तर पर कोई अनिश्चितता नहीं थी। केवल रणनीति में बदलाव किए गए।
मोदी ने 8 नवंबर को 500 व 1000 के नोटों को अचानक अमान्य किए जाने के नतीजे पर कहा, “भ्रष्ट नेता हों, नौकरशाह हों, व्यापारी हों या फिर पेशेवर, सभी का काला धन खुले में आने के लिए मजबूर हो गया।” उन्होंने कहा, “हमारी खुफिया एजेंसियां बताती थीं कि हमारे दुश्मनों के पास बहुत बड़ी मात्रा में जाली मुद्रा है। यह (नोटबंदी के कारण) तत्काल किसी काम की नहीं रह गई।” मोदी ने कहा, “इसी तरह आतंकियों, नक्सलियों और अन्य उग्रवादियों के पास रखी नकदी भी बेकार हो गई। मानव तस्करी और मादक पदार्थो के धंधे जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर इसका अत्यंत घातक प्रभाव पड़ा है।”
राजस्व का इस्तेमाल गरीबों के कल्याण में होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नोटबंदी का फैसला ढांचागत बदलाव के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद मिले राजस्व का इस्तेमाल गरीबों के कल्याण में किया जाएगा। हमारा उद्देश्य दीर्घ अवधि का ढांचागत बदलाव है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी का कदम अर्थव्यवस्था को साफ-सुथरा करने और कालेधन पर लगाम लगाने के मकसद से उठाया गया। उन्होंने कहा, “हमारा मकसद अर्थव्यवस्था की सफाई और समाज को कालेधन के संकट से मुक्त करना है ताकि इसके साथ आने वाले अविश्वास, कृत्रिम दबावों और अन्य बीमारियों से छुटकारा पाया जा सके।
नकदी का अल्पकालिक विकल्प नहीं है डिजिटल लेनदेन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था को नकदी का अल्पकालिक विकल्प समझने की भूल न करने का आग्रह भी किया। प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू में कहा, “डिजिटल लेनदेन को नकदी के अल्पकालिक विकल्प के तौर पर न देखा जाए। डिजिटल लेनदेन से हिसाब-किताब में सुविधा होती है और अर्थव्यवस्था के विस्तार का सही-सही पता चलता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “इससे अधिक से अधिक लोग कर भी चुकाते हैं।”
मनमोहन के ‘संगठित लूट’ का संदर्भ संप्रग के लिए होना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर संसद में अपने भाषण में ‘संगठित लूट’ का जो संदर्भ दिया था, वह उनकी ही सरकार के संदर्भ में किया जाना चाहिए। मोदी ने साक्षात्कार में कहा, “जहां तक मनमोहन सिंह जी की बात है, तो यह बेहद दिलचस्प है कि एक नेता जिन्होंने लगभग 45 वर्षो तक देश की अर्थव्यवस्था को राह दी, उनके मुंह से यह बात निकली है कि यह ‘लंबे समय तक याद रहने वाली कुव्यवस्था’ है।”
उन्होंने कहा, “अपने भाषण में उन्होंने संगठित लूट का जो संदर्भ दिया है, वह शायद उनके कार्यकाल में घोटालों की कड़ी के संदर्भ में था। कोयला घोटाला से 2जी और कॉमनवेल्थ घोटाला। वहीं, नोटबंदी भ्रष्टाचारियों द्वारा की जा रही लूट को जब्त करने के लिए एक अप्रत्याशित कदम है।”
राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर एक चर्चा में हिस्सा लेते हुए मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को ‘हमेशा याद रहने वाली नाकामयाबी’,संगठित लूट का मामला तथा कानूनी गलती करार दिया था। नोटबंदी पर राज्यसभा में शुरू हुई चर्चा हंगामे के कारण पूरी नहीं हो सकी और शीतकालीन सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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