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प्रादेशिक

कानपुर : स्थानीय सपा नेता की गला रेतकर हत्या

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Murderकानपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी नेत्री की उन्हीं के घर में गला रेतकर हत्या कर दी गई। सपा नेत्री का शव उनके कमरे में बेड के नीचे लहूलुहान हालत में पड़ा हुआ मिला। हत्या की खबर लगते ही परिजनों ने हंगामा करत हुए पड़ोसी के घर में पथराव कर दिया। साथ ही हत्या का आरोप लगाया। वहीं हत्या की सूचना पर पहुंची पुलिस व फारेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।

पुलिस के मुताबिक, जनपद के बाबूपुरवा कोतवाली क्षेत्र के न्यू लेबर कालोनी में रहने वाली राधा देवी समाजवादी पार्टी की नगर सचिव थीं। राधादेवी के पति रुफ्तेंद्र की चार साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। परिवार में उनके सात बेटियां हैं, एक को छोडक़र सभी शादीशुदा हैं। राधादेवी की घर के ऊपरी हिस्से में रहने वाले संदीप यादव, अखिलेश यादव और इनके साथी बंटी यादव से विवाद चल रहा था। सपा नेत्री ने इसकी शिकायत पुलिस से भी की थी, लेकिन दोनों ही पक्ष सपा से संबंध रखते थे, इसी वजह से पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।

राधा की बेटी प्रीति ने बताया कि सत्य प्रकाश (जीजा) इसी मोहल्ले में रहते हैं। शाम को वह मां को देखने गए तो उन्होंने गेट खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। तब उन्हें शक हुआ तो पड़ोस से होते हुए खिडक़ी से वह घर के अंदर दाखिल हुए तो अंदर का नजारा देख वह दंग रह गए। मां का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था। तब उन्होंने ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

हत्या की सूचना पर पहुंची सपा नेत्री की बेटियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। बेटियों ने संदीप यादव को घर से निकालकर सडक़ पर ले आईं और मारपीट करने लगीं। एक बेटी ने बताया, “संदीप यादव और अखिलेश यादव ने मां को जान से मारने की धमकी दी थी। जब इसकी शिकायत पुलिस से की तो इन लोगों ने मेरे घर पर पथराव किया था। लेकिन बंटी यादव के सपा की युवजन महासभा का जिला अध्यक्ष होने के कारण पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।”

पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और संदीप और अखिलेश यादव को पकड़ कर थाने ले गई।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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