नेशनल
एटीएम के बाहर छोटी हुई कतारें, पर कई मशीनों में नकदी नहीं
नई दिल्ली | देशभर में आठ नवंबर, 2016 से लागू हुई नोटबंदी के दो माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालांकि एटीएम के बाहर कतारें छोटी हुई हैं, लेकिन अधिकांश एटीएम में अब भी नकदी नहीं है। आईएएनएस संवाददाता ने मंगलवार को पाया कि अधिकांश एटीएम मशीनें या तो चल नहीं रही हैं या उनमें नकदी नहीं हैं। हालांकि, कुछ एटीएम जो चल रहे हैं, उसके बाहर कतार में कम ही लोग खड़े हैं।
नोएडा में पंजाब नेशनल बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई के एटीएम में नकदी नहीं मिले, जबकि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एटीएम में नकदी थे।
दक्षिण दिल्ली के कुछ एटीएम के बाहर या ते कतारें बहुत छोटी थीं या नहीं थीं।
शहर के कई अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति रही।
न्यू अशोक नगर के एक स्थानीय निवासी ने कहा, “एटीएम में नकदी नहीं है लेकिन हालात पहले की तुलना में बेहतर हैं, क्योंकि हमें अब लंबी कतारें नजर नहीं आतीं और आसानी से पैसे निकाले जा सकते हैं।”
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को एटीएम से रोजाना पैसे निकालने की सीमा 4,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
न्यू गुप्ता कॉलोनी की निवासी सुषमा अग्रवाल ने बताया, “अब एटीएम के बाहर लंबी कतारें नहीं होने से राहत मिली है। अब एटीएम से पैसे निकालने की सीमा भी बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है तो इससे अब कोई समस्या नहीं रहेगी।”
नेशनल
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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