Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

रिक्शाॅ चालकों के लिए वित्तीय समावेशन और कौशल विकास

Published

on

Loading

रिक्शाॅ चालकों के लिए वित्तीय समावेशन और कौशल विकास

लखनऊ। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) और पार्टनर के रूप में भारतीय माइक्रो क्रेडिट (बीएमसी) द्वारा आज लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संजय सप्रे, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट्स, इंडिया के अध्यक्ष के हाथों लगभग 200 रिक्शा चालक जिन्होंने तकनीकी, विनियामक और वित्तीय आयामों पर प्रशिक्षण प्राप्त किया, वे एएसडीसी प्रमाण-पत्र से सम्मानित किये गए। इस कार्यक्रम में अनूप सिंह चेयरमेन (युपीएमए), गौरब परीजा, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेन्ट के निदेशक, निशांत पाण्डे, कंट्री डायरेक्टर एआईएफ और विजय पाण्डे, मैनेजिंग डायरेक्टर बीएमसी एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में योग्य लाभार्थियों को ई-रिक्शा की चाबियाँ सौंपी गई।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट, इंडिया अपने सीएसआर प्रयासों के माध्यम से लखनऊ और कानपुर में रिक्शा चालकों हेतु व्यापक कौशल विकास कार्यक्रम को अपना समर्थन प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 725 लाभार्थी ई-रिक्शा हेतु आवश्यक कौशल प्राप्त करेंगे। एएसडीसी (आॅटोमोटिव स्किल डेवलपमेंट काउंसिल) के द्वारा अब तक लगभग 200 उम्मीदवार कौशल प्रशिक्षण का लाभ प्राप्त कर चुके हैं तथा सफल उम्मीदवारों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है।

इस अवसर पर संजय सप्रे, फ्रेंकलिन टेम्पलटन इंडिया के अध्यक्ष, न प्रमाण-पत्र वितरित कर कहा, ‘‘ फ्रेंकलिन टेम्पलटन पर हम विश्वस्तर पर और भारत में समाज को कुछ बेहतर वापस देने की एक मजबूत प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। इस इरादे के साथ हमने कईं संगठनों के साथ भारत में हमारी सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में शिक्षा, बुनियादी ढांचा, व्यावसायिक कौशल और आजीविका जैसी चुनौतियों को स्वीकार कर भागीदारी की है। हमारे सहयोगी संगठनों में से एक एआईएफ है, जहां हम उनके रिक्शा संघ कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। हम पारम्परिक रिक्शा के स्थान पर ई-रिक्शा कार्यक्रम के विस्तार को लेकर खुश हैं, जिससे न केवल आमदनी में बढ़ौत्री करने में मदद मिलेगी बल्कि उन्हें आजीविका कमाने का एक आसान साधन भी प्राप्त होगा तथा देश और समाज को अभी तक का सबसे सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प भी मिलेगा। इससे लाभार्थियों को आवश्यक उपकरण हासिल होंगे जो उनके भविष्य को उज्जवलता प्रदान करेगा। हम मानते हैं कि इस तरह की पहल कौशल को बढ़ाने पर केंद्रित है, जो एक समावेशी समाज और एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।’’

इस अवसर पर निशांत पाण्डे, एआईएफ के कंट्री डायरेक्टर ने अपने विचार रखते हुए कहा, ‘‘संयुक्त संपत्ति के स्वामित्व को बढ़ावा देकर एआईएफ का रिक्शा संघ कार्यक्रम रिक्शा चालकों का उद्योग प्रतिमान बदल रहा है तथा उनके सामाजिक सत्कार में वृद्धि कर रहा है। अब तक हम भारत के 8 राज्यों में 1,06,763 रिक्शा चालकों तक पहुंच चुके हैं। हम आशा करते हैं कि वित्तीय समावेशन और कौशल विकास का यह माॅडल पूरे देश में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अपनाया जाएगा। हम खुश हैं कि संजय सप्रे, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इन्वेस्टमेंट, इंडिया के अध्यक्ष ने अपनी गरिमामय उपस्थित से इस समारोह की शोभा बढ़ाई।’’

संपादक के लिये नोट्स:
अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ):
अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन भारत में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन को उत्प्रेरित करने और लिंग समानता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने पर विशेष जोर देने के साथ प्रभावी उच्च हस्तक्षेप के माध्यम से शिक्षा, आजीविका, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं नेतृत्व विकास हेतु प्रतिबद्ध है। एआईएम, कईं एनजीओ के साथ भागीदार के रूप में स्थानीय समुदायों और सरकार के साथ मिलकर विकास और अभिनव समाधान का परीक्षण करने हेतु काम कर रहा है। 2001 में गुजरात में आए भूकम्प के बाद से स्थापित, एआईएफ भारत के 3.1 मिलियन गरीब लोगों के जीवन पर अपना सकारात्मक प्रभाव डाल चुका है और 2018-19 तक इसका लक्ष्य 5 मिलियन लोगों तक अपनी पहुंच बनाना है।

रिक्शा संघ कार्यक्रम के बार में: एआईएफ का रिक्शा संघ, इस अत्यधिक गरीब शोषक तबके के लिये औपचारिक ऋण प्रदान कर, आय में स्थिरता लाकर, गरिमापूर्ण और सामाजिक लाभ (परिवार स्वास्थ्य बीमा और पहचान पत्र सहित) के माध्यम से चालकों को रिक्शा मालिक बनने हेतु सक्षम बनाता है। एआईएफ की ग्यारंटी के द्वारा रिक्शा समूह ऋण की संयुक्त जिम्मेदारी लेता है जिससे कि रिक्शा चालक आसान साप्ताहिक किश्तें चुका कर एक वर्ष में अपने स्वयं के वाहन के मालिक बन सके। एआईएफ, राष्ट्रीयकृत बैंकों को इन ऋणों के लिये फस्र्ट लाॅस डिफाॅल्ट ग्यारंटी प्रदान करता है। अपनी स्थापना के बाद से रिक्शा संघ ने 74 प्रतिशत स्वामित्व के साथ 1,06,000 रिक्शा चालकों को रिक्षा मालिक बनाया है।

Continue Reading

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending