साइंस
बालों को हटाने के लिए वैक्सिंग से बेहतर शेविंग : सर्वेक्षण
नई दिल्ली | शेविंग बाल हटाने के तरीकों में सबसे सुरक्षित, सुविधाजनक और स्वच्छ तरीका है। त्वचा विशेषज्ञों ने एक सर्वेक्षण में यह बात कही है। महिला रेजर ब्रांड ‘जिलेट वीनस’ द्वारा कराए गए अध्ययन में अगस्त 2016 में पूरे देश के 300 त्वचा विशेषज्ञों की राय ली गई थी।
उनसे मौजूदा समय में महिलाओं के लिए बाल हटाने की सबसे अच्छी विधि बताने को कहा गया था।
सर्वेक्षण में खुलासा किया गया कि 70 फीसदी त्वचा विशेषज्ञ शेविंग को बाल हटाने का सबसे अच्छा तरीका मानते हैं।
एक बयान के मुताबिक, त्वचा विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि बाल हटाने की विधियां चुनते समय त्वचा विशेषज्ञ और महिलाएं सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के पहलू पर सबसे ज्यादा ध्यान देती हैं।
इसमें शेविंग और वैक्स व क्रीम का तुलनात्मक विश्लेषण भी किया गया। इसमें यह सामने आया कि शेविंग को इसमें सबसे ज्यादा बेहतर माना जाता है। करीब 62 फीसदी त्वचा विशेषज्ञों ने सुरक्षा के मामले में शेविंग की विधि को सबसे बेहतर बताया।
सर्वेक्षण में आगे मिथकों और भ्रांतियों पर भी स्पष्टीकरण दिया गया है। सर्वे में शामिल 225 त्वचा विशेषज्ञों में से 90 फीसदी दिल्ली से, 70 फीसदी बेंगलुरू से और 60 फीसदी से ज्यादा मुंबई से थीं। उन्होंने कहा कि आम भ्रांति के विपरीत शेविंग से बालों की मोटाई नहीं बढ़ती।
इसमें एक अन्य आम धारणा यानी त्वचा के कालेपन की भी बात की गई। सर्वे में शामिल करीब 60 फीसदी से ज्यादा त्वचा विशेषज्ञों ने कहा कि शेविंग से त्वचा काली नहीं होती।
सौंदर्य चिकित्सक और प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ रश्मि शेट्टी ने कहा, “आज के दौर में बालों को हटाने के तरीकों में वृद्धि के साथ, भारतीय महिलाएं इसके लिए सबसे बेहतर विकल्प चुनने के मामले में ज्यादा सतर्क हो गई हैं। भारतीय महिलाएं खास तौर से त्वचा की देखभाल के मामले में ज्यादा सतर्क रहती हैं।”
उन्होंने कहा, “वे अब किसी उत्पाद को खरीदने से पहले उसके पीछे छिपे विज्ञान को समझने में दिलचस्पी लेती हैं। इसलिए उचित यही है कि उन्हें सही जानकारी दी जाए। इस तरह वे एक सही फैसला लेकर अपनी जरूरत के अनुसार बाल हटाने के सबसे बेहतर तरीके का चुनाव कर सकती हैं।”
Success Story
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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