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‘परिवार’ सत्ता में होता तो पटेल, आजाद को नहीं मिलता भारत रत्न : प्रसाद

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ravishankar prasadनई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि यदि ‘परिवार’ सत्ता में बना रहता तो सरदार वल्लभभाई पटेल और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे बड़े नेताओं को भारत रत्न नहीं मिल पाता। प्रसाद का निशाना नेहरू-गांधी परिवार पर था, जिसके पास कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व बना रहा है और जो स्वतंत्रता के बाद के कुछ सालों को छोडक़र लगातार सत्ता में रही है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, “मैं यह कहने के लिए कांग्रेस के दोस्तों से माफी चाहता हूं कि यदि परिवार 1990 के दशक में भी सत्ता में रहा होता तो सरदार पटेल और मौलाना अजाद जैसे नेताओं को वह सम्मान नहीं मिल पाता जिसके वे हकदार हैं।”

भीमराव अंबेडकर (मृत्यु 1956), सरदार पटेल (मृत्यु 1950), मौलाना आजाद (मृत्यु 1958) को मरणोपरांत क्रमश: साल 1990, 1991 और 1992 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रसाद ने कहा, “भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इन महान नेताओं का निधन 50 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न कई दशकों तक नहीं दिया गया।”

प्रसाद ने कहा, “भारत को बनाने में कई लोगों ने योगदान दिया है। उनकी विचारधारा अलग-अलग हो सकती है लेकिन हमें उनके योगदान और राष्ट्र के लिए बलिदान को समझना चाहिए।” उन्होंने कहा, “इन नेताओं की सेवाओं को मान्यता देने में कौन सी शक्तियां बाधा डाल रही थीं, इस पर सोचा जाना चाहिए।”

प्रसाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश के आम आदमी के योगदान को मान्यता दे रही है और उनका सम्मान कर रही है। उन्होंने कहा, “इस साल पद्म पुरस्कारों को दिए जाने के तरीके में एक उल्लेखनीय बदलाव आया है। हमारी सरकार ने आम आदमी के योगदान को मान्यता दी है और उनका सम्मान सबका साथ, सबका विकास की भावना से किया है।”

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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था

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मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।

कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।

बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।

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