प्रादेशिक
माघ मेला : अव्यवस्थाओं को लेकर दंडी स्वामियों का प्रदर्शन
इलाहाबाद| उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयाग में चल रहे माघ मेले में फैली अव्यवस्था व गंगा में पर्याप्त पानी की कमी, मेला क्षेत्र में बिजली, चकर्ड प्लेट की उपयुक्त व्यवस्था न होने पर सैकड़ों दंडी स्वामियों ने मेला क्षेत्र में शुक्रवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। गंगा महासभा ने भी दंडी स्वामियों के धरने का समर्थन किया है। फैली अव्यवस्थाओं के कारण संतों में काफी आक्रोश नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र का कोई जवाब न आने से नाराज संन्यासी एकजुट होकर शुक्रवार को गंगोली शिवाला मार्ग पर धरना के साथ चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। अखिल भारतीय दंडी स्वामी संन्यासी प्रबंधन समिति के संरक्षक जगदगुरु स्वामी महेशाश्रम व अध्यक्ष विमलदेव आश्रम ने कहा कि मेला क्षेत्र में शुरू से अव्यवस्था है, गंगा में पर्याप्त जल न मिलने से स्नानार्थियों को दिक्कत हो रही है, परंतु प्रशासन व सरकार उस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
महामंत्री ब्रह्माश्रम ने कहा कि प्रशासन का दावा था कि चार जनवरी को गंगा का जल बढ़ जाएगा, जो नहीं हुआ। मेला प्रशासन की लापरवाही से पूरा मेला क्षेत्र अव्यवस्था की गिरफ्त में है। गंगा महासभा के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद जी महाराज ने दंडी संन्यासियों को हरस्तर का समर्थन देते हुए कहा कि बिन गंगा कैसा माघ मेला। सरकार व प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। धरने में शंकराश्रम, दयालु, राधेस्वरूप ब्रह्मचारी, लालेश्वर आश्रम, मिथिलेशाश्रम, आनंददेव आश्रम, रामदेव आश्रम, रामाश्रम, नीरज स्वरूप, महेंद्र स्वरूप, जोगेंद्र स्वरूप शामिल हैं।
गौरतलब है कि मेला क्षेत्र के सेक्टर चार में बने 127 शिविरों में करीब 700 दंडी संन्यासी प्रवास कर रहे हैं। वे सब मेला शुरू होने से पहले से ही आवश्यक सुविधाओं और गंगा नदी में स्वच्छ व पर्याप्त गंगाजल की मांग कर रहे हैं। अपनी मांग को लेकर इन दंडी संन्यासियों ने प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर स्नान का बहिष्कार भी किया था, फिर भी मेला प्रशासन ने इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। बाद में संतों ने अपनी मांगों के सम्बंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा जिसमें उन्होंने मेला से जुड़े अधिकारियों के आचरण पर भी सवाल उठाए। इतनी कवायद करने के बाद भी जब दंडी स्वामियों की मांग नहीं मानी गयी तो शुक्रवार से वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए।
दंडी संन्यासियों का आरोप है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मेले में इतनी अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं। अभी तक उनको सुविधाओं से वंचित रखा गया है। बिजली देर शाम मिलती है तो काफी शिविरों में अभी तक पेयजल लाइन तक नहीं बिछाई जा सकी है। गंगोली शिवाला पार करते ही पड़ने वाले क्षेत्र के लिए कोई स्नान घाट भी नहीं बनाया गया है जिससे श्रद्घालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैसे माघ मेले में गंगा जल की उपलब्धता को लेकर संतों का आक्रोश पहली बार देखने को नहीं मिल रहा है। दरअसल यह मामला हर साल गरम होता है, लेकिन इस बार स्थिति काफी बिगड़ी हुई है। पांच जनवरी को पहले स्नान पर्व पर भी लोगों को भरपूर गंगाजल नहीं मिल पाया। कई स्नान घाटों पर तो घुटने तक पानी में लोगों को डुबकी लगानी पड़ी।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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