प्रादेशिक
बिहार के मंदिरों से 10 दिनों में 20 प्राचीन मूर्तियां चोरी
पटना | बिहार में विभिन्न जिलों के अलग-अलग मंदिरों से 10 दिनों के अंदर चोरों ने 20 प्रचीन और कीमती मूर्तियां चुरा ली हैं। इन मूर्तियों की कीमत करोड़ों रुपये में आंकी जा रही है। पुलिस के अनुसार, पिछले 10 दिनों के अंदर समस्तीपुर जिले के एक मंदिर से जहां चोरों ने आठ मूर्तियों की चोरी की, वहीं वैशाली जिले के एक मंदिर से एक और गया जिले के मंदिर से 11 मूर्तियों पर चोरों ने हाथ साफ किए।
बिहार के समस्तीपुर जिले में वारिसनगर थाने के डरसुर गांव की ठाकुरबाड़ी से शनिवार रात चोरों ने पांच शताब्दी पुरानी आठ मूर्तियों की चोरी कर ली।
पुलिस के अनुसार, मंदिर के महंत (पुजारी) मंगल दास सहित सभी लोग शनिवार की रात मंदिर के मुख्य द्वार में ताला लगाकर सो गए। इसी क्रम में चोर मंदिर में स्थापित सभी आठ पौराणिक मूर्तियों को चुराकर फरार हो गए।
वारिसनगर के थाना प्रभारी विश्वनाथ प्रसाद रवि ने सोमवार को बताया कि सुल्तानपुर गांव निवासी महंत मंगल दास के लिखित बयान पर रविवार को वारिसनगर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
प्राथमिकी में बताया गया है कि शनिवार को भगवान का भोग लगा कर मुख्य द्वार पर ताला लगाया गया था, इसके बाद सभी चले गए। महंत भी ताले की चाबी को अन्य दिनों की भांति दीवार पर टांगकर पास के ही एक कमरे में जाकर सो गए।
रविवार की सुबह पूजा-अर्चना के लिए जब उन्होंने ताला खोला, तो सुनहरे रंग की सभी आठ पौराणकि मूर्तियां गायब थीं। इनमें राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुध्न, राधा, कृष्ण व हनुमान की मूर्तियां शामिल हैं। थाना प्रभारी ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।
इसके पूर्व बिहार के वैशाली जिले के सराय थाना क्षेत्र में अज्ञात चोर 29 जनवरी की रात एक प्राचीन मंदिर से अष्टधातु की एक कीमती मूर्ति की चोरी कर फरार हो गए थे।
पुलिस के अनुसार, सराय स्थित प्राचीन ठाकुरबाड़ी से चोरों ने दरवाजे का ताला तोड़कर अष्टधातु की बनी भगवान श्रीराम की बेशकीमती मूर्ति चुरा ली अैर फरार हो गए। चुराई गई मूर्ति का वजन आठ किलोग्राम से ज्यादा बताया गया है। ठाकुरबाड़ी में सीता और लक्षमण की मूर्तियां भी हैं, लेकिन पीतल की होने के कारण उसे चोरों ने छोड़ दिया।
इसके पूर्व 24 जनवरी को गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के एक प्राचीन मंदिर से अज्ञात चोरों ने अष्टधातु की निर्मित कुछ मूर्तियों सहित कुल 11 मूर्तियों की चोरी कर ली थीं।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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