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गांधी ‘सेवा’ को बोझ समझते थे : भागवत
भोपाल| केंद्र और मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक दृष्टांत के जरिए बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ‘सेवा’ को बोझ समझते थे, उन्हें 10 साल की एक बच्ची ने बताया था कि सच्ची सेवा क्या है।
साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कार्यशैली की सराहना करते हुए उसकी कोशिशों की तुलना संत रविदास (रैदास) के काल से की। संघ प्रमुख ने कहा कि संत रविदास के काल में पसीने के फूल खिलते थे, जिनकी सुगंध अलग ही होती थी, अब एक बार फिर पसीने के फूल खिलाने की बात हो रही है, इसलिए अब देश फिर से बड़ा होगा।
संत रविदास जयंती के मौके पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में शुक्रवार को संघ से संबद्ध सेवा भारती के रजत जयंती वर्ष पर आयोजित श्रम साधक संगम (सम्मेलन) में भागवत ने सेवा को परिभाषित करते हुए कहा कि सेवा अपनेपन के भाव के चलते हो जाती है। यह करनी नहीं पड़ती, बल्कि अपने आप हो जाती है, सेवा बोझ नहीं होती।
उन्होंने एक दृष्टांत देते हुए कहा, “पुणे में एक बार महात्मा गांधी पहाड़ी से उतर रहे थे, तो उन्होंने 10 साल की एक बालिका को पांच साल के भाई को कंधे पर बैठाए देखा तो कहा कि उसे कंधे से उतारो, वह चल सकता है, बोझ क्यों ढो रही हो। तब उस बालिका ने गांधी से कहा था कि क्या बात कर रहे हैं आप, अपना भाई बोझ होता है क्या?”
याद रहे कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। इस कारण पुणे में उन पर मानहानि का मुकदमा चल रहा है। गांधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे गांधी की हत्या से पहले आरएसएस से निकल चुका था।
राहुल का कहना है वह कि आरएसएस की हिंदूवादी विचारधारा को गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। गोडसे भले ही आरएसएस छोड़ चुका था, लेकिन उसकी विचारधारा वही थी। गांधी की हत्या के समय वह अखिल भारतीय हिंदू महासभा का सदस्य था।
संघ प्रमुख भागवत ने श्रम साधकों को समझाया कि अपनों की सेवा कोई बोझ नहीं होती। उन्होंने कहा कि कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता, जिस देश में श्रम का सम्मान होता है, वही देश प्रगति करता है, संत रविदास जी का भी संदेश है कि अपने श्रम को कम मानो, क्योंकि समाज को उसकी जरूरत है।
भागवत ने कहा , “रैदास की कीर्ति जब हर तरफ फैलने लगी तो लोग उनके पास जाने लगे, उनके पास तक जाने वाले रास्तों में लोगों को फूलों की नई तरह की खुशबू आई, जिस पर लोगों ने फूलों के बारे में पूछा तो रैदास ने पसीने के फूलों की खुशबू और उन फूलों को श्रम से गिरे पसीने के फूल बताया, पसीने के फूल खिलना बंद हो गया, तो देश अधोगति में चला गया। अब पसीने के फूल फिर से खिलाने की बात हो रही है, इसलिए देश बड़ा होगा।”
सेवा भारती के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “हिंदू समाज कुटुंब के समान है, इस कुटुंब में एक को मिले और बाकी को नहीं मिले, यह नहीं चलेगा। जिनको मिला है वह दूसरों को देने की कोशिश करें, यह बोझ नहीं है, यह सेवा की बात है।”
इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रम साधकों के लिए भूखंड और उस पर आवास बनाने के लिए जल्द कानून लाने का वादा किया। साथ ही सरकार की योजनाओं को भी गिनाया।
भागवत राज्य के आठ दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार को भोपाल में संघ के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी, बुधवार को बैतूल में हिंदू सम्मेलन और गुरुवार को होशंगाबाद के बनखेड़ी में भाउ साहब भुस्कुटे स्मृति लोक न्यास के रजत जयंती समारोह में हिस्सा लिया था।
उन्होंने चौथे दिन रायपुर में श्रम साधक सम्मेलन में हिस्सा लिया। भागवत के प्रवास और लाल परेड मैदान में कार्यक्रम के आयोजन के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। भाजपा के मार्गदर्शक की सुरक्षा के लिए राजधानी के कई मार्गो पर यातायात बंद कर दिया गया और कुछ मार्गो पर वाहनों को दूसरे रास्तों से ले जाने का निर्देश दिया गया।
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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।
सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।
चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट
पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।
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