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प्रादेशिक

सपा ने तोड़ी मर्यादा, पीएम मोदी-शाह के लिए किया अपमानजनक संबोधन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी चुनावी महासमर अब पूरी तरह से ‘महाभारत’ का रूप लेता जा रहा है। कहने को तो यहां विधानसभा चुनाव हो रहा है, लेकिन राजनेता इसको ‘युद्ध’ के तौर पर लड़ रहे हैं और भाषायी मर्यादा को ताक पर रखने से परहेज नहीं कर रहे हैं।

प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी (सपा) ने देश के प्रधानमंत्री को ‘आतंकवादी’ की संज्ञा दे डाली। रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों आतंकवादी हैं। उत्तर प्रदेश में गुजरात के दो जादूगर जोर-शोर से घूम रहे हैं। इनको लगता है कि यूपी का मतदाता राजनीति नहीं जानता और उसको गुमराह किया जा सकता है। लेकिन यहां का मतदाता राजनीति की मर्यादा के विरुद्ध काम करने की अनुमति नहीं देगा। जनता को गुमराह करना एक राजनीतिक अपराध है। जादूगरों को अपनी रोजी-रोटी के लिए दूसरा धंधा अपनाना चाहिए।”

चौधरी ने कहा कि दिल्ली के शीर्ष पद पर काबिज लोगों को लगता है कि वे जो कहते हैं वो अकाट्य है, लेकिन उनको मालूम होना चाहिए कि उनके कहने का यहां कोई मतलब नहीं है। मोदी कहते हैं कि प्रदेश में विकास नहीं हुआ है, लेकिन इसका आधार क्या है? इसका जवाब भी उनको देना चाहिए। अखिलेश सरकार के विकास कार्यों को वह किस आधार पर झुठलाने की कोशिश कर रहे हैं? यह ताज्जुब की बात है कि एक प्रधानमंत्री को सरासर झूठ बोलने में जरा भी संकोच है।

सपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा की राजनीति संकीर्णता से ओत-प्रोत है। भाजपा को लगता है कि हिंदू और मुसलमान उसकी सांप्रदायिक सोच और इरादे को नहीं समझते। लेकिन उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को इस चुनाव में इक्का-दुक्का सीट मिल जाए तो बड़ी बात है। उसे 11 मार्च को समझ में आ जाएगा कि झूठ बोलने का नतीजा क्या होता है।

चौधरी ने कहा कि सपा जानना चाहती है कि अगर भाजपा विधानसभा चुनावों में हार गई तो क्या मोदी प्रधानमंत्री का पद छोड़ देंगे?

उत्तर प्रदेश

व्यापार मेले में 120 से ज्यादा स्टॉल बता रहे यूपी के विकास की कहानी

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नई दिल्ली | भारत मंडपम में बुधवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश मंडप योगी राज में सर्वांगीण विकास की कहानी बयां कर रहा है। ‘पार्टनर स्टेट’ के रूप में भाग ले रहे यूपी मंडप की थीम विकसित प्रदेश 2047 है, जो “विकसित भारत-2047” की अवधारणा को साकार करेगा।

उत्तर प्रदेश के मंडप में 120 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट स्थानीय एवं पारंपरिक उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा हैं। इनमें से बहुत से उत्पादों को भौगोलिक संकेत (GI tag) प्राप्त है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को भी मेले में स्थान दिया गया है, वहीं निर्यातकों को भी प्राथमिकता दी गई है। यूपी मंडप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत (Vocal for local) की अवधारणा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकसित यूपी 2047 के विजन को साकार कर रहा है।
उत्तर प्रदेश मंडप में सूचना एवं पर्यटन विभाग के अतिरिक्त राज्य के स्वामित्व वाली इकाइयां (UPSIDA, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी एवं यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी) भी प्रतिभाग कर रही हैं। उत्तर प्रदेश मंडप के माध्यम से फूड प्रोसिंग, टेक्सटाइल, आईटी, लेदर, हस्तशिल्प मेटल, ओडीओपी निर्यातक इकाइयों के अलावा कई अन्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है।

ग्राहकों को लुभा रहे ये उत्पाद

उत्तर प्रदेश पवेलियन में लगे विभिन्न जिलों के उत्पाद ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं, इनमें कन्नौज के इत्र से लेकर वाराणसी की सिल्क साड़ियां, लखनऊ की चिकनकारी, भदोही का कालीन, झांसी/बांदा की शजर स्टोर ज्वैलरी, बागपत के होम डेकोर, गौतमबुद्धनगर के वस्त्र उत्पाद, अलीगढ़ / मुरादाबाद के मेटल आर्ट वेयर, आगरा का पेठा, सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल, हाथरस की हींग, संभल के हैण्डीक्राफ्ट्स उत्पाद शामिल हैं।

कारोबारी ले रहे ओडीओपी गैलरी में दिलचस्पी

उत्तर प्रदेश मंडप में एक वृहद ओडीओपी गैलरी का भी प्रदर्शन किया गया है, जिसमें जनपदों के ओडीओपी उत्पादों का आकर्षक एवं विहंगम प्रर्दशन किया गया है, जिनको देखने के लिए पहले ही दिन बड़ी संख्या में कारोबारी उमड़े।

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