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प्रादेशिक

गाजियाबाद फर्जी मुठभेड़ मामले में चार पुलिसकर्मियों को उम्रकैद

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गाजियाबाद। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने बुधवार को चार पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह चारों पुलिसकर्मी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के भोजपुर में दो दशक पुराने एक फर्जी मुठभेड़ मामले में चार लोगों की हत्या के दोषी पाए गए थे। अदालत ने 20 फरवरी को भोजपुर पुलिस थाने के प्रमुख लाल सिंह, उप निरीक्षक योगेंद्र सिंह और कांस्टेबल रणवीर सिंह, सूर्यभान और सुभाष को 8 नवंबर, 1996 की फर्जी मुठभेड़ के लिए दोषी करार दिया था।

रणवीर सिंह की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो चुकी है। अदालत ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत लाल सिंह पर 2 लाख रुपये, योगेंद्र सिंह पर एक लाख रुपये और सुभाष और सूर्यभान पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया।

सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील राजन दहिया ने मामले को दुर्लभ करार दिया और कहा कि पुलिसकर्मियों का उद्देश्य ‘साहसी गोलीबारी’ की आड़ में पदोन्नति हासिल करना था। इसके लिए इन्होंने जसबीर सिंह, अशोक कुमार, प्रवेश और जलालुद्दीन की हत्या कर दी।

सीबीआई के वकील ने कहा, “समाज की मांग है कि इन पुलिसकर्मियों को फांसी की सजा दी जाए।”

दहिया के जवाब में बचाव पक्ष के वकील शम्मी शर्मा ने कहा कि गोलीबारी दुर्लभ मामला नहीं थी। इसलिए इन चारों को मृत्युदंड नहीं बल्कि आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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