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बिजनेस

अब भगवान भी कहेंगे ‘पेटीएम करो’

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नई दिल्ली। ऑनलाइन भुगतान सेवा प्रदाता पेटीएम ने मंगलवार को कहा कि उसने कैशलेस तरीके से दान करने की सहूलियत देने के लिए मंदिरों, चर्चो और मस्जिदों समेत कई सार्वजनिक पूजास्थलों के साथ साझेदारी की है। भक्त अब दान करने के लिए पूजास्थल परिसरों में लगाए गए पेटीएम क्यूआर कोड्स को स्कैन कर सकते हैं।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि पेटीएम का क्यूआर कोड-आधारित भुगतान देश में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष किरण वसिरेड्डी ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में कई सारे पूजास्थलों ने पेटीएम के माध्यम से दान स्वीकार करना आरंभ कर दिया है। यह कैशलेस होने के प्रति सभी उपभोक्ताओं के व्यवहार में तेजी से आने वाले परिवर्तन का एक भाग है। हम पूरे देश में सभी पूजास्थलों में कैशलेस दान एकत्रित करने का एक विकल्प प्रदान करके इस क्रांति का सहयोग करना जारी रखेंगे।”

कंपनी ने शून्य लागत पर डिजिटल भुगतान स्वीकार करना आंरभ करने में देश के व्यापारियों की मदद करने के लिए कई उपक्रम आरंभ किए हैं। कंपनी ने स्वयंसेवियों को आमंत्रित किया है, जिन्होंने इसकी व्यापारी अधिग्रहण टीमों के साथ अब तक सक्रिय रूप से पांच लाख व्यापारियों को जोड़ा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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