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प्रादेशिक

सपा नेता और कथित गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति अरेस्ट

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लखनऊ। कथित तौर पर गैंगरेप के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य की पुलिस ने उन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया। प्रजापति के खिलाफ इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराया गया था। वह इसके बाद से ही फरार थे।

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद ने बताया कि प्रजापति के ठिकाने की लगातार तलाश की जा रही थी। वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहे थे। बता दें कि प्रजापति की गिरफ्तार के लिए पुलिस की छह टीमें लगी हुई थीं। खुफिया एजेंसियों ने प्रजापति की फरारी को लेकर हवाईअड्डे पर भी अलर्ट जारी किया था। साथ ही प्रदेश की सीमाओं पर भी कड़ी नजर रखी जा रही थी।

गौरतलब है कि एक महिला ने आरोप लगाया है कि जब तीन साल पहले वह प्रजापति से मिली थी, उस समय मंत्री ने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे बेहोश कर दिया और बेहोशी की हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया, उसकी तस्वीरें भी ले लीं। महिला का कहना है कि प्रजापति ने वे तस्वीरें दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। यही नहीं, उसकी नाबालिग बेटी से भी दुष्कर्म का प्रयास किया गया।

मंगलवार को भी लखनऊ की गौमतपल्ली थाना पुलिस ने प्रजापति के बेटे अनुराग व अनिल को हिरासत में लिया और तीन नामजद आरोपियों अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, रूपेश और विकास को छापा मारकर गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गायत्री के बेटों ने आरोपियों को शरण दी थी। पुलिस इससे पहले प्रजापति के गनर चंद्रपाल, लेखपाल अशोक तिवारी व आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।

पूर्व मंत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप हैं। उन्हें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी कर दिया था, जिससे पिता मुलायम सिंह यादव नाराज हो गए थे। उनके दबाव पर अखिलेश ने बाद में प्रजापति को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया। इस बार के चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर अमेठी से किस्मत आजमाई, लेकिन हार गए।

अभी कुछ दिन पहले ही आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी सामने आया था, जिसमें कानपुर से अमेठी ले जाई जा रही 4000 साडय़िों की एक खेप को पुलिस ने पकड़ा था, साडय़िों के बिल पर प्रजापति का नाम था। इस सिलसिले में भी एक मामला दर्ज हुआ था।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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