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प्रादेशिक

एमसीडी चुनावः कांग्रेस को झटका, एके वालिया ने दिया इस्तीफा

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दिल्ली् नगर निगम चुनाव, कांग्रेस को बड़ा झटका, एके वालिया ने दिया इस्ती फा

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नई दिल्ली। दिल्‍ली नगर निगम चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्‍ली कांग्रेस के बड़े नेता व शीला दीक्षित सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे एके वालिया ने पार्टी से इस्‍तीफा दे दिया है। वालिया ने आलाकमान पर टिकट वितरण के दौरान कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाया है।

दिल्ली् नगर निगम चुनाव, कांग्रेस को बड़ा झटका, एके वालिया ने दिया इस्ती फा

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कांग्रेस ने दिल्ली निगम चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची रविवार देर रात जारी की थी। इसमें 127 प्रत्याशियों के नाम हैं। अब पांच प्रत्याशियों के नामों की घोषणा शेष रह गई है।

पार्टी से इस्तीफा देने वाले एके वालिया प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में हैं। वह शीला दीक्षित सरकार में मंत्री भी रह चुके है। 1993 में प्रदेश की पहली विधानसभा से ही वह हर बार चुने गए, लेकिन 2015 में लक्ष्मीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और हार गए।

यहां पर बता दें कि शनिवार को पार्टी ने 272 में से 140 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे। रविवार को शाम होते ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं की भीड़ लगने लगी थी। रात 11.50 बजे के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने ट्वीट कर दूसरी सूची जारी की।

कई वार्डों में प्रत्याशियों के नामों को लेकर खींचतान जारी थी। पार्टी के कई पूर्व सांसद समर्थकों को चुनाव मैदान में उतारना चाहते थे जबकि पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में वे काफी पीछे थे। इस कारण उनके नामों पर सहमति नहीं बन पा रही थी।

इससे पहले एमसीडी चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस का झगड़ा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दरवाजे तक पहुंच गया था। दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस ने आज राहुल गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि पार्टी में टिकट वितरण में परिवारवाद को रोका जाए।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के घर के बाहर प्रदर्शन करते हुए दिल्ली युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं की मांग थी कि MCD चुनाव में परिवारवाद की जगह युवा कार्यकर्ताओं को तरजीह मिले। इस बाबत असंतोष दूर करने के मकसद से तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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