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नेशनल

जेएनयू, जाधवपुर देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल

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नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से कथित ‘राष्ट्रविरोधी’ नारों को लेकर खबरों में रहे दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और कोलकाता का जाधवपुर विश्वविद्यालय देश के शीर्ष संस्थाओं में शामिल है। सोमवार को सरकार ने उच्च शैक्षिक संस्थाओं की यह रैंक सूची जारी की। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की इंडिया रैंकिंग के अनुसार जेएनयू, बेंगलुरू के भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईसी) के बाद देश का दूसरा सबसे अच्छा शिक्षण संस्थान है। वहीं जाधवपुर विश्वविद्यालय ने इस सूची में पांचवां स्थान पाया है।

रैंक सूची को जारी करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि विश्वविद्यालयों की यह रैंकिंग उनकी गुणवत्ता के आधार पर की गई है, न कि विवादों पर।

मंत्री जावडेकर ने कहा, “जेएनयू और जाधवपुर विश्वविद्यालय को संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाने और अपने कुलपति को बंधक बनाने के कारण नहीं, बल्कि इन्हें विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्र में अच्छे शोध के लिए यह रैंक मिली है।”

हैदराबाद विश्वविद्यालय, जहां का पीएचडी छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या कर लेने के कारण सुर्खियों में रहा था, को विश्वविद्यालयों की सूची में सातवां स्थान मिला है।

पिछले वर्ष जेएनयू आतंकी अफजल गुरु की बरसी पर भारत विरोधी नारे लगाए जाने के कारण भारी हंगामे और राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बन गया था। यहां के छात्रों का कहना है कि कुछ बाहरी लोग, जो चेहरा छुपाए हुए थे, नारे लगाकर चले गए। वे कौन थे, इसका पता लगाना न तो पुलिस ने जरूरी समझा और न ही नेताओं ने सवाल उठाया। एवीवीपी का पक्ष लेते हुए केंद्र की सत्ता में बैठे लोगों ने देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान को राजनीति का अखाड़ा बनाकर बदनाम कर दिया।

कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय में भी इसी तरह के नारे लगने के आरोप लगे थे। एनआईआरएफ वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। यह एक प्रक्रिया है, जिसे मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंक के लिए अपनाया जाता है।

नेशनल

दिल्ली पुलिस ने HIBOX ऐप घोटाले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को जारी किया नोटिस, करीब 30 हजार लोगों के साथ हुई थी ठगी

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नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने HIBOX ऐप घोटाले में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को नोटिस जारी किया है। रिया ने विज्ञापन के जरिए लोगों को इस ऐप में निवेश करने के लिए मोटिवेट किया। हाइबॉक्स ऐप से जुड़े मामले में 500 करोड़ के घोटले का खुलासा हुआ। दिल्ली पुलिस ने इस फ्रॉड के मास्टरमाइंड सिवाराम को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। जिसने नवंबर 2016 में सवरुल्ला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी शुरू की थी। जिसके बाद फरवरी 2024 में हाइबॉक्स ऐप को लॉन्च किया था। इस ऐप के माध्यम से करीब 30 हजार लोगों के साथ ठगी की गई है। इस घोटले में कई मशहूर सितारे और हाई-प्रोफाइल यूट्यूबर भी शामिल बताए जा रहे हैं।

हाइबॉक्स क्या होता है

हाइबॉक्स ऐप को एक निवेश योजना के तौर पर प्रमोट किया गया है। इस ऐप में साइन अप करके पैसे इन्वेस्ट कराए जाते हैं। इस ऐप के माध्यम से एक से पांच फीसदी तक ब्याज देने का दावा किया जाता है। यह ऐप एक महीने में 30-90 फीसदी तक का रिर्टन देने का भी आश्वासन देता है। इस ऐप ने शुरऊ में रिटर्न दिया। लेकिन बाद में जुलाई 2024 में इस ऐप में टेक्निकल गड़बड़ी और लीगल वैलिडिटी का हवाला देकर पेमेंट रोक दी गई।

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