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प्रादेशिक

बिहार में रवीश कुमार को मिलेगा ‘लोकरत्न सम्मान’

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पटना। पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बना चुके एनडीटीवी समाचार चैनल के पत्रकार रवीश कुमार को अमर कथा शिल्पी और स्वतंत्रता सेनानी फणीश्वर नाथ रेणु की स्मृति में शुरू हुए ‘लोकरत्न सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें अररिया जिला स्थित फणीश्वर नाथ रेणु के गांव औराही हिंगना में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।

रवीश को यह पुरस्कार 22 अप्रैल को दिया जाएगा। फणीश्वर नाथ रेणु समाज सेवा संस्थान द्वारा आरंभ इस पुरस्कार के तहत प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न् प्रदान किया जाएगा। कार्यक्रम में 11 अन्य लोगों को भी ‘रेणु स्मृति’ सम्मान दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में प्रथम ‘लोकरत्न सम्मान’ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिया गया था।

फणीश्वर नाथ रेणु समाज सेवा संस्थान के संरक्षक और रेणु के पुत्र पद्मपराग राय रेणु ने आईएएनएस से कहा कि पत्रकारिता जगत में रवीश कुमार ने अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि रेणु जी के रिपोतार्ज की तरह रवीश भी बेबाक अंदाज में अपनी बात रखते हैं।

संस्थान के सचिव दक्षिणेश्वर राय ने कहा कि रवीश कुमार देश के संजीदा पत्रकारों में एक हैं। गौरतलब है कि राजकमल प्रकाशन से रवीश कुमार की किताब भी आ चुकी है। वह लघु प्रेम कथा श्रृंखला पहली किताब ‘इश्क में शहर होना’ के लेखक भी हैं।

‘मैला आंचल’, ‘परती परिकथा’ जैसी महान कृतियों के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने अपनी कहानियों, उपन्यासों में ऐसे पात्रों को गढ़ा, जिनमें एक दुर्दम्य जिजीविशा देखने को मिलती है, जो गरीबी, अभाव, भूखमरी, प्राकृतिक आपदाओं से जूझते हुए मरते भी हैं, पर हार नहीं मानते।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा, तुर्क VS पठान की की लड़ाई में गई चार जिंदगियां

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संभल। यूपी के संभल में हुई हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया है कि हिंसा सुनियोजित थी और इसके पीछे तुर्क और पठान समुदाय के बीच वर्चस्व की खूनी लड़ाई थी, जिसने चार जिंदगियों को निगल लिया, जिनमें सभी पठान विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थक थे। सूत्रों के मुताबिक, हिंसा के मुख्य कारणों में तुर्क बनाम पठान और देसी बनाम विदेशी के मुद्दे को हवा दी गई। इसके कारण दोनों समुदायों के समर्थकों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

हिंसा की चिंगारी उस वक्त भड़क उठी जब तुर्क समुदाय के सांसद समर्थकों ने पठान समुदाय के विधायक इकबाल महमूद अंसारी के समर्थकों पर गोलियां चला दीं। इस गोलाबारी में पठान, सैफी और अंसारी समुदाय के लोग मारे गए। एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में ये खूनी खेल हुआ। अब तक की जांच में यह साफ हो गया है कि पुलिस की गोली से कोई हताहत नहीं हुआ और मारे गए सभी नागरिक विधायक के समर्थक थे।

वर्चस्व की जंग ने बिछा दीं 4 लाशें

यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई। दर्जन भर से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हालात ऐसे हो गए कि शहर में इंटरनेट के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश देना पड़ा। फिलहाल, इलाके में भारी पुलिस तैनात है। पुलिस उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटी हुई है। इस बीच संभल हिंसा मामले में दर्ज की गई पुलिस की FIR से सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

तुर्क और पठान की वर्चस्व की लड़ाई

तुर्क और पठान बिरादरी के नेताओं के बीच चल रही वर्चस्व की जंग में भी संभल बवाल के कारण तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने भी दावा भी किया है कि दो बड़े नेताओं के भड़काने पर ही बवाल हुआ है। केस में दोनों को नामजद भी किया गया है। संभल में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक इकबाल महबूब के परिवारों के बीच लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व की जंग है। वहीं FIR की कॉपी भी सामने आई है जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

 

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