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खेल-कूद

पाक कोच ने क्रिकेट टीम को दिखाया आईना, कहा- भारत में छिपी है पिछडऩे की वजह

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लाहौर। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच मिकी आर्थर ने कहा है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में न खेलने के कारण पाकिस्तान की क्रिकेट 20वीं सदी की क्रिकेट रह गई है। आर्थर ने बुधवार को पाकिस्तानी खिलाडिय़ों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उन्हें आज की क्रिकेट में बने रहना है तो आधुनिक क्रिकेट को अपनाना होगा।

आर्थर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को दिए गए साक्षात्कार में कहा है, “यह सिर्फ ड्रेसिंग रूम की बात नहीं है। मैंने खिलाडय़िों से कहा है कि आप 20वीं सदी की क्रिकेट खेल रहे हैं। हमने अभी तक आज के दौर की क्रिकेट को नहीं अपनाया है और इसके कुछ कारण हैं जैसे की घर में नहीं खेलना, आईपीएल में नहीं खेलना।” उन्होंने कहा, “इस तरह के कई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन अगर हमें उनसे मुकाबला करना हुआ तो हमें मौजूदा क्रिकेट को अपनाना होगा।”

आर्थर ने पाकिस्तान टीम में तेज खेलने वाले खिलाडय़िों की कमी को माना। उन्होंने कहा, “यह चिंता की बात है कि हमारे पास ‘पावर हिटर्स’ नहीं है। जब हम अच्छी विकेट पर खेलते हैं तो हम दूसरी टीमों के साथ मुकाबला नहीं कर सकते।” उन्होंने कहा, “इस समय टीम अंत के 10 ओवरों में 100 रन बना रही हैं, लेकिन हम 70 रन ही बना पाते हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए टी-20 मैच में हम अंत के पांच ओवरों में प्रति गेंद के हिसाब से भी रन नहीं बना पाए। यह काफी नहीं है। इससे हम मैच नहीं जीत सकते।”

आर्थर ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के पास अब्राहम डिविलियर्स, मोर्ने मोर्केल जैसे खिलाड़ी हैं और वो टीम पेशेवर टीम होने की अच्छा उदाहरण है। मुझे उम्मीद है कि हम पाकिस्तान क्रिकेट में इस तरह के खिलाड़ी अच्छी फिटनेस के साथ ला पाएंगे।

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कोच आर्थर ने कहा, “दक्षिण अफ्रीका के साथ मैं काफी भाग्यशाली था कि कुछ वरिष्ठ खिलाडय़िों के साथ मिलकर हमने डिविलियर्स, मोर्केल, ड्यूमिनी, स्टेन जैसे खिलाडय़िों की टीम बनाई।” उन्होंने कहा, “उनको आगे बढ़ते देखना एक कोच के तौर पर राहत की बात है। मैं उम्मीद करता हूं कि यही पाकिस्तान के साथ होगा। मैं भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित हूं।”

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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