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प्रादेशिक

मुजफ्फरनगर के भडक़ाऊ वीडियो मामले में संगीत सोम को क्लीन चिट

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लखनऊ। वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर में कथित रूप से भडक़ाऊ वीडियो शेयर करने के मामले में सरधना से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक संगीत सोम को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम की जांच में क्लीन चिट मिल गई है। मुजफ्फरनगर दंगे में 62 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।

दरअसल भाजपा विधायक संगीत सोम पर आरोप था कि उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट किया था। जिसमें दो युवकों को पीटा जा रहा था। आरोप था कि दोनों को कवाल के रहने वाले शाहनवाज नाम के शख्स के मर्डर के बदले मारा गया था। यह घटना 27 अगस्त 2013 को घटी थी। उसके बाद वीडियो शेयर होना शुरू हुई जिस पर लिखा था, “भाई साहब देखो क्या हुआ कवाल में।”

पुलिस का कहना था कि वह वीडियो फर्जी था और इसे दो साल पहले यूट्यूब पर शिवम कुमार नाम के शख्स ने अपलोड किया था। आरोप था कि उस वीडियो को ही संगीत सोम ने भी शेयर किया था। इस मामले में 29 अगस्त 2013 को एक एफआईआर दर्ज हुई। उसमें संगीत सोम, कुमार और 229 अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (जालसाजी), 153-ए (धार्मिक आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना), 120-बी (साजिश) और धारा 66 के तहत मामला दर्ज हुआ।

जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि संगीत सोम और कुमार ने अपनी फ्रेंडलिस्ट समेत कई छोटी जानकारी तक फेसबुक से हटा दी थीं। फिर फेसबुक हेडक्वॉटर से जानकारी मांगी गई। सीबीआई के कहने पर फेसबुक ने कुछ जानकारियां तो दीं लेकिन केस के लिए और जानकारियां चाहिए थीं।

मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर धर्मपाल त्यागी ने कहा, “समापन रिपोर्ट को एक हफ्ते पहले ही दे दिया गया क्योंकि कैलिफोर्निया में स्थित फेसबुक के हेडक्वॉर्टर से हमको पूरी जानकारी नहीं मिली, इस वजह से पूरे सबूत जमा नहीं हो सके। समापन रिपोर्ट में भी यही कहा गया है कि संगीत सोम के खिलाफ कोई सबूत मिला ही नहीं।” टीम ने कोर्ट में वह रिपोर्ट जमा कर दी है। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि एसआईटी काफी समय से फेसबुक से आने वाली जानकारी का इंतजार कर रही थी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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