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प्रादेशिक

सिर चढक़र बोलने लगी यूपी में योगी की लोकप्रियता

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योगी के दो विवादास्पद फैसले सबसे अधिक लोकप्रिय : सर्वेक्षण

नई दिल्ली। अवैध बूचडख़ानों पर रोक और ‘एंटी रोमियो’ दलों के गठन को उत्तर प्रदेश में लोगों ने पसंद किया है। मीडिया में इन दोनों ही फैसलों पर बहस छिड़ी हुई है लेकिन यूपी में हुआ सर्वेक्षण बता रहा है कि एक महीना पुरानी योगी सरकार के यही दोनों फैसले सबसे अधिक पसंद किए जा रहे हैं। ग्रामीण मीडिया मंच ‘गांव कनेक्शन’ की ओर से किए गए सर्वेक्षण में 71 फीसदी से अधिक लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही दिशा में काम कर रहे हैं। 62 फीसदी लोगों ने कहा कि योगी ने अभी तक जो फैसले किए हैं, वे उन्हें सही मानते हैं।

सर्वे यूपी के 20 जिलों के 200 ब्लॉक में किया गया। राज्य के 75 जिलों में कुल 820 ब्लॉक हैं। सर्वे की विस्तार से जानकारी गांव कनेक्शन के एंड्रायड एप और इसकी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट गांव कनेक्शन डाट काम से ली जा सकती है।

गांव कनेक्शन के सदस्यों ने प्रदेश के चारों कोनों में जाकर 2000 प्रतिभागियों से खुद मुलाकात कर उनकी राय ली। उन्होंने लोगों से पूछा कि उनकी नजर में योगी का अब तक का सबसे असर डालने वाला फैसला कौन सा है। 38.1 फीसदी ने कहा कि अवैध बूचडख़ानों पर प्रतिबंध और 25.4 फीसदी ने कहा कि एंटी रोमियो स्कवाड का गठन। 23.7 फीसदी ने कहा कि वे मंत्रियों को आय की घोषणा करने के लिए कहे जाने को सर्वाधिक पसंद करते हैं।

ताज्जुब की बात यह है कि सार्वजनिक स्थान पर पान-गुटका खाकर थूकने पर रोक लगाने के फैसले को केवल 12.9 फीसदी लोगों ने सही बताया।

महिलाओं से छेडख़ानी रोकने के लिए एंटी रोमियो दल बनाए जाने के फैसले को सबसे अधिक पसंद किया। 38 फीसदी महिलाओं ने कहा कि वे इसका समर्थन करती हैं।

योगी सरकार के फैसलों पर सवाल उठाने वालों का कहना है कि अवैध बूचडख़ानों पर रोक लगाने का फैसला मुसलमानों पर निशाना साधना है। मीडिया में कहा गया कि छेडख़ानी रोकने के नाम पर हिंदू राष्ट्रवादियों से संबद्ध लोगों ने कुछ जगहों पर आम लोगों पर हमले किए हैं। लेकिन, सर्वेक्षण बता रहा है कि दोनों फैसले बेहद लोकप्रिय हैं।

लोगों से पूछा गया कि उनके हिसाब से योगी सरकार की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए। इस पर 29.8 फीसदी लोगों ने कहा कि रोजगार, 23.8 फीसदी ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था, 17.9 फीसदी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और 15.3 फीसदी लोगों ने कहा कि कृषि का विकास सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए।

यह पूछने पर कि क्या योगी सही दिशा में काम कर रहे हैं, 71.6 फीसदी ने कहा कि ‘हां’ जबकि 24.8 फीसदी ने कहा ‘कह नहीं सकते।’ यह पूछने पर कि क्या मुख्यमंत्री के फैसलों का जमीनी असर नजर आ रहा है, 54.9 फीसदी ने कहा ‘हां’ और 39.9 फीसदी ने कहा ‘कुछ असर दिख रहा है।’

यह पूछने पर किया क्या केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पहले की तुलना में अधिक आसानी से प्रदेश के गांवों तक पहुंचेगा, 58.1 फीसदी ने कहा कि हां, पहुंचेगा जबकि 39 फीसदी ने कहा कि जागरूकता न होने कारण नहीं पहुंचेगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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